दलालों ने फर्जी विक्रेता बनाकर बेची 28 लाख की जमीन

Update: 2014-08-27 00:00 GMT

धोखाधड़ी का मामला दर्ज


शिवपुरी। कोतवाली पुलिस ने झांसी के एक प्रॉपर्टी डीलर के साथ हुई धोखाधड़ी मामले में नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपियों में 3 दलाल व 6 भूस्वामी शामिल हैं। उक्त आरोपियों ने पूर्व में प्रॉपर्टी डीलर को अन्य जमीनों के सौदे कराए थे जिस कारण प्रॉपर्टी डीलर का दलालों पर विश्वास स्थापित हो गया। इसका दलालों ने फायदा उठाया और ग्राम जरगवां में चार अलग-अलग भूमियों के वास्तविक मालिकों के स्थान पर फर्जी मालिक खड़े कर दिए और उनके फर्जी पहचान पत्र तैयार कर रजिस्ट्रार कार्यालय में उक्त भूमि की अलग-अलग रजिस्ट्रियां करा दीं। प्रॉपर्टी डीलर ने उक्त भूमि 28 लाख में खरीदी थी।
उक्त मामले में एक दलाल ग्राम थनरा तहसील करैरा की पटवारी का भाई भी बताया जाता है। उक्त धोखाधड़ी का जब प्रापर्टी डीलर को पता चला तब उसने इसकी शिकायत पुलिस में की। जांच उपरांत पुलिस ने आरोपी पार्वती जाटव, नारायणी जाटव, कंचन उपाध्याय, विनोद यादव, फूल सिंह यादव, लाला राम सहित दलाल अखिलेश परिहार, मलखान सिंह और रामबाबू साहू के खिलाफ भादवि की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।

यह है मामला
पीडि़त प्रापर्टी डीलर सतीश शरण अग्रवाल के अनुसार अप्रैल माह में ग्राम थनरा की पटवारी अनीता परिहार के भाई अखिलेश यादव ने 50 बीघा जमीन का सौदा कराया था। इस सौदे के बाद जब विश्वास जम गया तब अखिलेश यादव व उसके दो अन्य साथी मलखान यादव व रामबाबू ने मई और अप्रैल माह में ग्राम जरगवां में स्थित एक जमीन का 28 लाख रुपए में सौदा कराया और इसकी रजिस्ट्री भी करा दी। इस जमीन की असली मालिक श्रीमती पार्वती पत्नी चिंटूराम, नारायणी पुत्री शंकर सिंह जाटव के स्थान पर आरोपी दलालों ने किसी दूसरे को रजिस्ट्रार कार्यालय में फर्जी खड़ा कर तैयार किया गया पहचान पत्र संलग्न कर भूमि की रजिस्ट्री सतीशशरण अग्रवाल के पक्ष में करा दी।
इसी तरह .695 हेक्टेयर की मालिक श्रीमती कंचन उपाध्याय पुत्री हरप्रसाद उपाध्याय, एक हेक्टेयर भूमि के स्वामी वीर सिंह पुत्र धनीराम यादव, 2 हेक्टेयर भूमि के स्वामी विनोद पुत्र रघुवीर, फूल सिंह पुत्र विशुननाथ के स्थान पर किसी अन्य को खड़ा कर रजिस्ट्री करा दी, जब पीडि़त को इसकी जानकारी मिली तो उसने दलालों से संपर्क किया और उनके साथ धोखे से हड़पी 28 लाख की राशि वापस मांगी। आरोपियों ने वह राशि देने में आनाकानी की। इसके बाद उन्होंने पुलिस को शिकायती आवेदन देकर उनके साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी दी। 

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