मात्र चौदह माह में विदा हो गए निगमायुक्त

Update: 2015-10-17 00:00 GMT

अधिकारियों कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों से नहीं बैठ रही थी पटरी

ग्वालियर। अपनी कार्यप्रणाली और व्यवहार को लेकर मात्र 14 माह दो दिन के अपने कार्यकाल के दौरान पूरे समय विवादों में रहे नगर निगम आयुक्त अजय गुप्ता का शुक्रवार को भोपाल स्थानांतरण हो गया। हालांकि इसके पीछे कारण उनकी धर्मपत्नी जिलाधीश मुरैना का तबादला भी भोपाल होना बताया जा रहा है। लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि उनकी अपने अधीनस्थों और सहयोगियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से भी पटरी नहीं बैठ रही थी।
उल्लेखनीय है कि आईएएस अजय गुप्ता ने 14 अगस्त 2014 को ग्वालियर नगर निगम में आयुक्त का पदभार ग्रहण किया था। हालांकि प्रारंभ में उनकी छवि एक युवा और तेज तर्रार अधिकारी के रूप में  दिखाई दी थी, लेकिन धीरे-धीरे उनकी कार्यप्रणाली और रूखे व्यवहार के कारण उनके अधीनस्थ, सहयोगी और जनप्रतिनिधि सभी उनसे नाखुश दिखाई देने लगे थे। यहां तक कि स्वच्छ और शालीन छवि वाले महापौर विवेक शेजवलकर से भी उनकी पटरी नहीं बैठ रही थी। वहीं निगम के गलियारों में भी उनके कार्यकाल के दौरान हमेशा ही यह चर्चा बनी रही कि साहब अपने आगे किसी की नहीं सुनते। यह सही है कि एक युवा आईएएस होने के कारण उनके काम करने का तरीका अवश्य ही कुछ अलग रहा होगा, हालांकि शुरूआत में उनकी तेज गति से सभी प्रभावित भी हुए लेकिन इसके बाद अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ ही जनता में भी हमेशा यही चर्चा रही कि उनका व्यवहार या रवैया सहयोगात्मक नहीं है और वह किसी का भी अपमान करने से नहीं चूकते।

पार्षद भी थे दुखी
एक ओर जहां महापौर की व्यवहार कुशलता से अधिकारी, कर्मचारी और जनता सभी खुश हैं, वहीं निगमायुक्त अजय गुप्ता से अपनी बात कहने में भी लोग हिचकते थे । यही कारण था कि उनके मात्र 14 माह के कार्यकाल में भी शुरूआती समय छोड़ दें तो महापौर के साथ उनकी पटरी शायद ही कभी बैठी हो, कुछ ऐसी ही स्थिति पार्षदों के साथ भी थी यहां तक कि कुछ पार्षदों को तो वह कई बार अपनी स्टाइल में अपमानित भी कर चुके थे। यह भी बताया जाता है कि यदि कोई पार्षद उनसे मिलने के लिए पहुंचता था तो उसे घंटों इंतजार करना पड़ता था और यह स्थिति कई बार विवाद का कारण भी बनी।

मूलभूत सुविधाओं में सुधार पर रहेगा फोकस

ग्वालियर। किसी भी व्यक्ति को कहीं भी जाने और माहौल बदलने पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह सही है कि मेरे लिए भी नया पद और नया शहर चुनौतियों भरा होगा, लेकिन मैं सभी से समन्वय बनाते हुए कार्य करूंगा। इसमें मुख्य रूप से फोकस शहर में मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराना होगा। यह कहना है शहर के नवनियुक्त निगमायुक्त अनय द्विवेदी का। स्वदेश  से दूरभाष पर संक्षिप्त चर्चा में श्री द्विवेदी ने बताया कि वह अपना पदभार ग्रहण करने के बाद पूरी स्थिति को समझेंगे और फिर काम करेंगे। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि पानी सहित अन्य जो भी मूलभूत सुविधाओं को लेकर सरकारी योजनाएं चलाईं जा रही हैं उन पर सक्रियता से अमल किया जाएगा और समन्वय बनाकर इनका सफल संचालन करने का प्रयास होगा ताकि किसी को कोई शिकायत नहीं रहे। उल्लेखनीय है कि श्री द्विवेदी अब तक टीकमगढ़ में मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के पद पर पदस्थ थे और अब उनकी नियुक्ति निगमायुक्त अजय गुप्ता के स्थान पर ग्वालियर में की जा रही है। श्री गुप्ता का स्थानांतरण प्रदेश सचिवालय में उपसचिव के पद पर किया गया है।

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