मामला राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का
ग्वालियर। शहर में एक से पांच अक्टूबर तक आयोजित की जा रही राज्य स्तरीय शालेय प्रतियोगिता में शामिल होने आया एक बॉक्सिंग खिलाड़ी मैच के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया। लेकिन काफी देर तक दर्द से तड़पने के बावजूद उसका उपचार नहीं कराया गया।
उल्लेखनीय है कि क्रीड़ा प्रतियोगिता में रोलर स्केटिंग, बास्केट बॉल, एवं बॉक्सिंग प्रतियोगिताएं हो रही हैं। जिसमें मध्य प्रदेश के दस संभागों के लगभग 1600 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। इसी क्रम में बॉक्सिंग एवं रोलर स्केटिंग का आयोजन रामलीला मैदान मुरार पर किया जा रहा है। जिसमेंं शनिवार को हुए 63 से 66 किलोग्राम बॉक्सिंग मैंच में भोपाल संभाग की ओर से प्रतिभागी डीपीएस भोपाल के छात्र हर्ष नारायण को कंधे में गंभीर चोट आ गई और वह काफी देर तक दर्द से तड़पता रहा। हालांकि उसे प्राथमिक उपचार तो दिया गया। लेकिन उसे दर्द से राहत नहीं मिलने के वाबजूद उसका उचित उपचार नहीं कराया गया। जिससे छात्र असहनीय दर्द से तड़पता रहा। इस दौरान इतनी बड़ी प्रतियोगिता में शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी तक मौजूद नही था। इस संबध मेें जब एंम्बुलैन्स के कर्मचारी आशाराम राजपूत से बात की गई तो उसने बताया कि वह तो सिर्फ
साथी खिलाडिय़ों ने बांधी पट्टी
राज्य स्तरीय शालेय प्रतियोगिता के आयोजन में जिला प्रशासन द्वारा सभी अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गईं हैं, जिसमें खिलाडिय़ों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति काफी लचर है। चोट के दौरान जब छात्र दर्द से तड़प रहा था तब न तो उसकी मदद करने संभागीय दल के प्रभारी थे और नही शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी जो छात्र को उपचार के लिए ले जाते। इस दौरान चोट लगने पर वहांं उपस्थित रैफरी एवं साथी खिलाडिय़ों ने उसकी मरहम पट्टी की।
इनका कहना है
''चोटिल हुए छात्र की सूचना छात्र के संभागीय दल ने हमें नही दी है। अगर प्रतियोगिता के दौरान छात्र को चोट लगी है तो उसे जल्द ही उचित उपचार उपलब्ध कराने के साथ ही। प्रतियोगिता के दौरान स्वास्थ्य अमले को सतर्क रहने के लिए कहा जाएगा।''
सुभाष शर्मा
जिला शिक्षा अधिकारी, ग्वालियर