मृतका के पति ने कहा, सही समय पर नहीं हुआ उपचार
शिवपुरी। असंवेदनशीलता और मरीजों के प्रति दुव्र्यवहार के कारण चर्चित जिला अस्पताल प्रशासन एक बार फिर से विवादों और चर्चाओं के केन्द्र बिन्दु में आया है। जिला अस्पताल में भर्ती एक महिला मंजू कुशवाह ने उपचार के अभाव में दम तोड़ दिया। मंजू की मृत्यु के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतका के पति मनीष कुशवाह का कहना है कि मंजू को मामूली सांस की बीमारी और खांसी के कारण अस्पताल लाया गया था। जहां चिकित्सकों ने आईसीयू में भर्ती न करते हुए सामान्य वार्ड में भर्ती कर दिया और रात्रि में ड्यूटी चिकित्सक ने कॉल करने के बाद भी चिकित्सक अस्पताल नहीं पहुंचे। वहीं नर्स द्वारा उसे इंजेक्शन दिए जाने के बाद उसकी हालत बिगड़ जाने से उसकी मृत्यु हो गई।
मृतका के पति मनीष कुशवाह ने जानकारी देते हुए बताया कि रात्रि 8:30 बजे मंजू को अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती कराया था। उस समय ड्यूटी पर डॉ. रावत मौजूद थे, जिन्होंने मंजू का उपचार किया और उसे सामान्य अवस्था में बताया जबकि मंजू को श्वांस उठ रहीं थी और खांसी भी थी और उसे ऑक्सीजन की सख्त जरूरत थी। लेकिन डॉक्टर ने आईसीयू में भर्ती नहीं किया। बकौल मनीष, जब मै डॉक्टर से सख्ती से पेश आया तो उन्होंने वरिष्ठ फिजीशियन को सुबह 6 बजे कॉल किया, लेकिन वह सुबह 9 बजे तक अस्पताल नहीं पहुंचे। इसी बीच एक नर्स ने उसे इंजेक्शन लगा दिया जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई और वह तड़प ने लगी इसके बावजूद भी उसकी सुध नहीं ली और उसने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का यह कोई पहला प्रकरण नहीं है। इससे पहले भी कई ऐसी घटना घटित हो चुकी है और चिकित्सक भी पीडि़तों के कोप का भाजन बन चुके हैं। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन द्वारा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आया है।
दुधमुंही बच्ची के सर से उठा माँ का साया
चिकित्सकों की लापरवाही के कारण मंजू की मौत हो जाने से उसकी 6 माह की बच्ची के सर से माँ का साया उठ गया है। अबोध बालिका का रो-रो कर बुरा हाल है, जिसे परिजन चुप कराने की कोशिश करते रहे, लेकिन वह चुप नहीं हुई बाद में उसे माँ से अलग किया गया।