प्रधानमंत्री ने जीएसटी पारित कराने में विपक्ष का मांगा सहयोग

Update: 2015-11-25 00:00 GMT

नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार से शुरु हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र को सुचारु रुप से चलाने में सभी राजनीतिक दलों से सहयोग करने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार सभी दलों को साथ लेकर आपसी विचार-विमर्श से ही संसद की कार्यवाही को चलाना चाहती है।
संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने बताया, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैठक में सभी दलों से कहा कि वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी विधेयक राष्ट्रहित में है और वित्त मंत्री अरूण जेटली संबंधित दलों से बात करके इसके बारे में उनके संदेहों का निवारण करेंगे। मोदी ने यह भी कहा कि संसद को सभी के सहयोग के साथ अर्थपूर्ण ढंग से चलाना चाहिए, जिससे कि जनता की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके।
बैठक में महत्वपूर्ण बात यह रही कि जदयू ने जीएसटी का समर्थन किया। इसके अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि उनकी पार्टी इसका समर्थन करेगी। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने हालांकि, कहा कि केन्द्र को इस मुद्दे पर राज्यों के साथ चर्चा करनी चाहिए, क्योंकि राज्य जीएसटी लागू हो जाने से कर के मामलों में सभी विधायी शक्तियां खो बैठेंगे।
उन्होंने कहा, यह खेद की बात है कि वाम दलों द्वारा बार बार यह बात कहे जाने के बावजूद केन्द्र राज्यों से चर्चा किए बिना इसे पारित कराने का दबाव बना रहा है। प्रधानमंत्री ने बैठक में यह भी बताया कि पेरिस में होने जा रही जलवायु परिवर्तन पर बैठक के बारे में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर विभिन्न दलों के नेताओं से और भी बात करके उसमें अपनाए जाने वाले भारत के रूख को बताएंगे। उन्होंने कहा कि जो दल इस बारे में अपने सुझाव देना चाहते हैं वह उन्हें बता सकते हैं।
संसद सत्र के हंगामी रहने की अटकलों के बीच वरिष्ठ मंत्रियों ने इससे निपटने के बारे में कल एक बैठक करके विचार विमर्श किया था। उधर कांग्रेस, जदयू और माकपा ने अपने इरादों को स्पष्ट करते हुए सरकार को घेरने के इरादे से असहिष्णुता सहित कई मुद्दों पर चर्चा कराने के नोटिस दिए हैं। ये दल जीएसटी के मुद्दे पर भी सरकार के साथ नहीं हैं।

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