दीनदयाल जी के चिंतन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ आज

Update: 2015-11-06 00:00 GMT

राज्यपाल रामनाईक होंगे शामिल, दो दिन होगा चिंतन

झांसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं वित्त विभाग के तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में पंडित दीनदयाल जी के सपनों के भारत विषय पर वक्ताओं द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे। गांधी सभागार में प्रात: नौ बजे से होने वाले इस कार्यक्रम के उद्घाटन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक भी शामिल रहेंगे। इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा शिक्षक आवास संकुल का लोकार्पण भी किया जाएगा।
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलसचिव पारस नाथ प्रसाद व अर्थशास्त्र, वित्तविभाग के विभागाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक प्रोफेसर एमएल मौर्य ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि आईएसओ प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालय में आयोजित की जा रही इस संगोष्ठी में उद्घाटन एवं समापन सत्र के मध्य पांच सत्र आयोजित किए जाएंगे। जिसका मूल विषय दीनदयाल जी के सपनों का भारत रहेगा। उन्होने बताया कि इसमें एकात्म मानव दर्शन, राष्ट्र की अवधारणा और प्रजातंत्र, आर्थिक लोकतंत्र, एकात्म परराष्ट्र नीति व एकात्म मानव दर्शन के अनुप्रयोग पर विषय विशेषज्ञों पर व्याख्यान दिए जाएंगे।
उन्होने बताया कि इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश की वर्तमान समस्याओं के निराकरण हेतु पंडित दीनदयाल जी के विचारों की प्रासंगिकता को प्रस्तुत किया जाएगा। कार्यक्रम के विस्तृत जानकारी के अनुसार प्रथम दिन उद्घाटन सत्र, प्र्रथम सत्र और द्वितीय सत्र आयोजित किए जाएंगे। दूसरे दिन सात नवम्बर को तीन सत्र होंगे उसके पश्चात समापन सत्र किया जाएगा।
इस समारोह के संचालन के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आयोजन समिति भी बनाई गई है। इस समिति में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अविनाशचंद्र पांडेय संरक्षक रहेंगे। इसके अलावा संरक्षक मंडल, स्वागत समिति, संयोजक व सहसंयोजक भी बनाए गए हैं। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में बाहर के विश्वविद्यालयों के कई कुलपति, विभागाध्यक्ष एवं बुद्धिजीवी भाग ले रहे हैं। पंडित दीनदयाल जी का चिंतन अवधारणा में भारत का उत्थान किस प्रकार होगा, यह राष्ट्रीय संगोष्ठी में विषय विशेषज्ञों द्वारा बताया जाएगा। इसके अलावा शोध छात्र भी इसमें सम्मिलित रहेंगे। कार्यक्रम के आयोजकों ने राष्ट्रीय संगोष्ठी को प्रासंगिक बताते हुए बुद्धिजीवी वर्ग से कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है।

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