भ्रूण लिंग परीक्षण की सूचना पर एक लाख का इनाम

Update: 2015-12-10 00:00 GMT

एक्ट का पालन न करना भी अपराध: जिलाधीश


ग्वालियर। पीसी-पीएनडीटी एक्ट के तहत न केवल भ्रूण लिंग परीक्षण करना गंभीर एवं दण्डनीय अपराध है बल्कि इस एक्ट का नर्सिंग होम अथवा अल्ट्रासाउण्ड सेंटर पर पालन न करना भी गंभीर अपराध है। यह बात बुधवार को जिलाधीश डॉ. संजय गोयल ने सिटी सेंटर स्थित एनएसव्ही रिसोर्स सेंटर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि भ्रूण लिंग परीक्षण एवं लिंग आधारित गर्भपात की सूचना देने वाले को एक लाख रूपए का पुरुस्कार देने का प्रावधान है। सूचना देने वाले का नाम पूर्णत: गुप्त रखा जाएगा। हर अल्ट्रासाउण्ड सेंटर पर निर्धारित मापदण्ड के अनुसार यह प्रदर्शन करना अनिवार्य है कि यहां भ्रूण लिंग परीक्षण नहीं किया जाता। साथ ही पीसी.पीएनडीटी एक्ट की प्रति रखना, जिस महिला का अल्ट्रासाउण्ड किया जाना है, उसका सम्पूर्ण ब्यौरा फार्म-एफ में संघारित करना आदि भी अनिवार्य है।
समीपवर्ती राज्यों का लेंगे सहयोग
भ्रूण लिंग परीक्षण पर कड़ाई से अंकुश लगाने के लिए शहर के समीपवर्ती राज्य उत्तरप्रदेश और राजस्थान के जिलों के जिलाधीशों से संपर्क कर प्रभावी रणनीति तैयार की जाएगी। जिसमें आगरा, झांसी एवं धौलपुर के जिलाधीशों का सहयोग लिया जाएगा। जिला लोक अभियोजन अधिकारी अब्दुल नसीम ने बताया कि हम निरंतर पांच वर्ष से कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए मासिक बैठक आयोजित कर रहे हैं। साथ ही तीन माह में एक बार विभिन्न केन्द्रों का निरीक्षण किया जाता है। अगर बनाए हुए दल के सदस्य निरीक्षण के दौरान कोई ढिलाई बरतते हैं तो संबंधित अधिकािरयों के खिलाफ भी पीसी-पीएनडीटी एक्ट के तहत ही कार्यवाही की जाएगी। पीसी-पीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन के स्टिंग ऑपरेशन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
उल्लंघन किया तो होगी सजा
भ्रूण लिंग परीक्षण करना पीसी-पीएनडीटी एक्ट के तहत गंभीर कानूनी अपराध है। साथ ही एक्ट का उल्लंघन करना भी गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इसके लिए तीन से पांच साल की सजा एवं पांच हजार से एक लाख रूपए तक का जुर्माना होगा। डॉ. गोयल ने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत सभी सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों में एमसीटीएस मदर एण्ड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम के तहत हर गर्भवती माता का रिकॉर्ड अनिवार्यत: संधारित कराया जा रहा है। इस आधार पर जन्म देने वाले बच्चों की ऑडिट के जरिए यह पता लगाया जा सकेगा कि कितने बेटों और कितनी बेटियों ने जिले में जन्म लिया है।

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