नई दिल्ली। तीन दिन की सफल भारत यात्रा के बाद जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे रविवार सुबह स्वदेश रवाना हो गए। जापान के प्रधानमंत्री 11 दिसंबर को भारत आए थे। अपनी भारत यात्रा के दौरान शिंजो आबे ने दिल्ली में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय के अनुसार जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे रविवार की सुबह दिल्ली के पालम हवाई अड्डे से जापान के लिए रवाना हो गए। शिंजो आबे की तीन दिन की भारत यात्रा भारत-जापान संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान को भारत के विकास के महायज्ञ का सबसे विश्वसनीय भागीदार बताया है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि जापान ने भारत में शुरु हुए आर्थिक बदलाव की प्रक्रिया में सच्चे साथी की भूमिका निभाना जारी रखा है। भारत-जापान के बीच वैश्विक मुद्दों और सामरिक क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी दोनों देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमनें असैनिक परमाणु ऊर्जा को लेकर जो समझौता किया है, उससे देश के ऊर्जा और व्यापार क्षेत्र में बहुत मदद मिलेगी। जापान का मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के लिए सहयोग सराहनीय है। इसके लिए जापान सरकार की भारत को 12 अरब डॉलर की आसान शर्तो पर वित्तीय सहायता के लिए हम शिजों आबे और उनके साथिओं के आभारी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर, 2014 की अपनी जापान यात्रा के दौरान जापान सरकार द्वारा भारत में आगामी पांच साल में किए जाने वाले 35 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश के वादे का भी जिक्र किया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि इतना बड़ा निवेश सबको अकल्पनीय लग रहा था, लेकिन अब जिस तरह से जापान-भारत के बीच आपसी सामंजस्य स्थापित हो रहा है, उसे देखते हुए जापान जल्दी ही स्वच्छ ऊर्जा, बेहतर ऊर्जा प्रौद्योगिकी, सामरिक क्षेत्र में तकनीकी सहयोग में भारत का सबसे अहम साझीदार साबित होगा।
अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा के दौरान शिंजो आबे बनारस भी गए, जहां वो नरेंद्र मोदी के साथ गंगा आरती में शामिल हुए। जापान के प्रधानमंत्री की इस भारत यात्रा के साथ ही अब भारत-जापान संबंधों के विजन-2025 को साकार करने की दिशा में काम तेजी से शुरु हो गया है।