फर्जी नियुक्ति पाने वालों की नौकरी खतरे में

Update: 2015-12-13 00:00 GMT

* कौन कहां कर रहा है काम
* निगमायुक्त ने मांगी विभाग प्रभारियों से जानकारी


अरविन्द माथुर\ग्वालियर। नगर निगम में फर्जी नियुक्ति पाने वालों की नौकरी खतरे में है। अपर आयुक्तों विधानसभा और इंजीनियरों को क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपने के बाद निगमायुक्त अनय द्विवेदी की नजर अब उन लोगों पर है जो कि पीछे के दरवाजे(फर्जी तरीके)से नौकरी पाने के बाद अब बिना किसी भय के निगम में जमे बैठे हैं।
फर्जी तरीके से नियुक्ति पाने वाले इन लोगों पर निगमायुक्त की टेढ़ी नजर है और इसके तहत उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रभारी अपर आयुक्त को यह निर्देश जारी किए हैं कि वह निगम के विभिन्न विभागों में कार्यरत सभी स्थाई, अस्थाई और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की पूरी जानकारी एकत्रित करें। इसके पालन में अपर आयुक्त श्री राजनगांवकर ने आदेश क्र. 1/15/2/10/सा.प्र./15 दिनांक 10/12/15 को सभी विभागों से उक्त जानकारी मांगी है।
कहीं पर काम, कहीं से वेतन
सूत्रों के अनुसार नगर निगम के विभिन्न विभागों में ऐसी नियुक्तियां भी हैं जिनके नाम से वेतन निकल रहा है लेकिन उस नाम का कोई व्यक्ति वहां कार्यरत ही नहीं है। इसी तरह नियुक्ति किसी विभाग में है और उसका वेतन दूसरे विभाग की मद से आहरित किया जा रहा है। इस गड़बड़ी के चलते निगम को लाखों रुपए का नुक्सान उठाना पड़ रहा है वहीं निगम में वर्षों से ऐसी गड़बड़ कर रहे लोग चांदी काट रहे हैं।

अब खुल जाएगी पोल
यदि निगमायुक्त के उक्त आदेश के अनुसार सभी विभागों में कार्यरत  विभिन्न पदों पर अस्थाई और स्थाई रूप से कार्य कर रहे लोगों की सही स्थिति सामने आ जाती है तो इससे  निगम में भर्ती को लेकर वर्षों से की जा रही गड़बड़ी की पोल खुल जाएगी।
ये मांगी गई है जानकारी
पहले प्रपत्र में वर्तमान में कार्यरत स्थाई कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई है, जिसमें कर्मचारी का नाम, मूल पद, किस विभाग से वेतन आहरित हो रहा है तथा वर्तमान में वह क्या कार्य कर रहा है। वहीं प्रपत्र व में यदि कर्मचारी दैनिक वेतन पर कार्यरत है तो उसका नाम, श्रेणी(उच्च कुशल, अद्र्ध कुशल, अकुशल), कहां से भुगतान होता है पारिश्रमिक, कर्मचारी से क्या कार्य लिया जा रहा है। इसके साथ ही विभाग प्रभारी की इस पूरी स्थिति स्पष्टीकरण मांगा गया है।

इनका कहना है

सभी जेडओ(क्षेत्रीय अधिकारियों)से मुख्यालय और क्षेत्रीय स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों की सूची मांगी गई है। इसके प्राप्त होते ही निगमायुक्त इसकी समीक्षा करेंगे और फिर आगे कार्रवाई की जाएगी।
                               अभय राजनगांवकर, अपर आयुक्त नगर निगम

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