ग्वालियर। पर्यावरण की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है, जिससे समुद्र बढ़ रहा है और धरती घट रही है। धरती व ऊर्जा के लिए देश आपस में लड़ रहे हैं। हमें पर्यावरण की रक्षा व ऊर्जा का विकल्प तलाशना होगा। युवा नौकरी को न तलाशते हुए रोजगार की तलाश करें और देश के विकास में योगदान दें। यह बात नागरिक परिषद द्वारा भगवत सहाय सभागार में आयोजित विजय दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की हैसियत से सीमा सुरक्षा बल के पूर्व महानिदेशक डी.के. आर्य ने कही।
उन्होंने 16 दिसम्बर 1971 के भारत पाक युद्ध में शहीद हुए जवानों को याद करते हुए श्रद्धांजलि भी दी। इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उसके बाद मंच पर अतिथियों को पुष्प गुच्छ सौंप कर उनका स्वागत किया गया। कार्यक्रम संयोजक जे.पी. भटनागर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शहीद परिवारों की मदद करना ही शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि देना होगा। उन्होंने बताया कि भारत-पाक का युद्ध महज 13 दिन चला और उसमें हजारों की संख्या में पाकिस्तान के सैनिकों को बंदी बना लिया गया, जिन्हें एक समझौते पर छोड़ दिया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जनरल राज मेहता ने कहा कि हमारे जवानों ने हमेशा सीने पर गोली खाकर देशसेवा की और हंसते हंसते अपनी जान दे दी।
सीमा पर यह जवान सतर्क नहीं रहे तो हम आराम से सो नहीं सकते। युवाओं को सीख देते हुए उन्होंने कहा कि आप जो भी जिम्मेदारी लें, उस जिम्मेदारी को पूरा करें, अपने साथियों की इज्जत करें, उनके साथ ईमानदारी व वफादारी करें तभी आप सच्चे देश भक्त व अच्छा नेतृत्व दे सकते हैं। इसके बाद अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर आभार व्यक्त किया गया। इस बीच नरेन्द्र भाई द्वारा आज तन, मन, धन सब कुछ समर्पित, राष्ट्रहित की साधना में हम करें सर्वस्व समर्पित गीत की प्रस्तुति दी गई। कर्नल चौहान ने शहर वासियों से शहीदों की महिलाओं व उनके परिवार की मदद करने के लिए कहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजेन्द्र सिंह ने किया। आभार पारस जैन ने व्यक्त किया। कार्यक्रम के समापन पर सेना के बैण्ड ने अपनी मन मोहक प्रस्तुति दी।
हथियारों की लगाई प्रर्दशनी
विजय दिवस के अवसर पर डॉ. भगवत सहाय सभागार में सेना ने हथियारों की प्रर्दशनी लगाई। इसमें बीएसफ टेकनपुर व वायु सेना महाराजपुरा ने भाग लिया। इस प्रर्दशनी में बंदूक, गन, पिस्टल, तोप, रॉकेट लांचर आदि का प्रर्दशन किया गया।