नए साल से लॉयन सफारी में दहाड़ेंगे गिर के शेर

Update: 2015-12-22 00:00 GMT

भोपाल। यदि सब कुछ ठीक रहा तो 445 हेक्टेयर में फैले वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में नए साल से मास्टर प्लान पर कार्य होना शुरू हो जाएगा। इसके लिए तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। वन विहार का नया मास्टर प्लान तैयार हो चुका है और 10 करोड़ के इस मास्टर प्लान में वन विहार में कई परिवर्तन किए जाएंगे।
टाइगर सफारी की तैयारियां शुरू
इधर, वन विहार में शाकाहारी वन्य प्राणियों की सफारी के बाद टाइगर सफारी की तैयारियां शुरू हो गई हैं। तय नियमों के अनुसार टाइगर सफारी का विशेष ट्रैक बनाने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत पड़ेगी।
इसके लिए वन विहार प्रबंधन ने मानव संग्रहालय और 25वीं बटालियन की ओर की जमीन को हासिल करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। प्रबंधन ने इस जमीन को हस्तांतरित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सर्व प्रथम यह होंगे कार्य
पहले चरण में वन विहार के वन्यप्राणियों की स्थिति और उनके रहने की जगह का सर्वे किया जाएगा। यह कार्य संभवत जनवरी महीने से शुरू हो जाएगा। मास्टर प्लान तैयार करके अनुमति के लिए वन विभाग को भेजा जाएगा। एनजीटी ने हाल ही में वन विहार के बगल में स्थित फायर रेंज को हटाने के संबंध में शासन को नोटिस जारी किया है।
अब आएंगे गिर के शेर
गुजरात के दो सिंह जल्द ही भोपाल के वनविहार के सफारी पार्क में नजर आएंगे। इस मुद्दे पर गुजरात और मध्यप्रदेश सरकार के बीच वर्षों पुरानी कानूनी अड़चन अब दूर हो गई है। इसके लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी ने गुजरात और मप्र के वन विभाग को मंजूरी दे दी है।
पिंजड़े व  बाड़े होंगे ईको फ्रेंडली
इस मास्टर प्लान के अंतर्गत वन विहार के पूरे 445 हेक्टेयर के क्षेत्र को पूरी तरह से व्यवस्थित किया जाना है। इसके लिए पिंजड़ों और बाड़ों में बदलाव किया जाएगा और इन्हें पूर्ण रूप से ईको फ्रेंडली बनाया जाएगा। पक्षी विहार को भी नए रूप में तैयार किया जाएगा और पिजड़ों में रहने वाले पक्षियों के लिए ऐसी व्यवस्था की जाएगी, ताकि वह स्वतंत्र रूप से अधिक स्पेस में उड़ सकें।
स्नेक पार्क में भी होगा बदलाव
इसके अलावा स्नेक पार्क में भी बदलाव किया जाएगा। साथ ही विहार वीथिका को हटाकर स्टेट ऑफ आर्ट बनाए जाने की योजना है। साथ ही शाकाहारी जंगल सफारी को इस तरह तैयार किया जाएगा ताकि पर्यटकों को स्वतंत्र विचरण करने वाले वन्यप्राणी आसानी से दिखाई देने लगें और जंगल सफारी सार्थक हो सके। इसके अलावा टाइगर सफारी की योजना भी इस मास्टर प्लान में शामिल होगी।

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