रात 10 बजे तक बजाने दो डीजे वाले बाबू को गाना

Update: 2015-12-23 00:00 GMT


जनसुनवाई में लगाई डीजे संचालकों ने गुहार
गुना। न्यायालय द्वारा डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगाने को लेकर डीजे संचालक अपनी रोजी-रोटी की दुहाई देकर दर-दर गुहार लगाते फिर रहे है, इसी क्रम में शहर के दर्जनों डीजे संचालकों ने जनसुनवाई में पहुंचकर रात्रि १० बजे तक डीजे बजाने की अनुमति मांगी। डीजे संचालकों के अनुसार डीजे पर पाबंदी के बाद उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। शहर के करीब डेढ़ हजार परिवार डीजे के व्यवसाय से लगे हुए। ऐसे में डीजे पर प्रतिबंध के कारण उनके सामने संकट खड़ा हो गया है। डीजे संचालकों के अनुसार भोपाल एवं अशोकनगर में रात्रि १० बजे तक डीजे बजाने की अनुमति प्रशासन द्वारा दी गई है। आवेदन देने वालों में ज्ञान सिंह, मुकेश, घनराज, दीपक, रितेश, साादिक खान, सुरेश, नरेन्द्र नामदेव, भरत वास्त्री आदि शामिल थे।
महिला बसतीगृह के पुर्ननिर्माण की मांग
 महिला बसतीगृह के पुनर्निर्माण की मांग की गई है। सुषमा नागार्च, कृष्णा चंदेल, सविता खंडेलवाल, संतोष जाट, ललिता अग्रवाल, ज्योति सिंह, कविता सिंह ने जनसुनवाई में आवेदन सौंपकर कहा कि   उक्त भवन जर्जर हो गया है जो कभी धराशाही हो सकता है। जिससे वहां रहने वाली महिलाओं के साथ अनहोनी की घटना हो सकती है। महिलाओं के अनुसार महिला बसती गृह की छत और जीने कभी भी गिर सकते हैं।  इसकी मरम्मत के लिए हर साल बजट जारी भी किया जाता है लेकिन मरम्मत के नाम पर कुछ नहीं होता है। ईमारत के पुर्ननिर्माण की मांग की गई है।
अंदाज से लिखी जाती है रीडिंग
चौरसिया कालोनी गुलाबगंज निवासी गोपाल अहिरवार ने बिजली विभाग द्वारा मनमाने बिल भेजने की शिकायत की। आवेदक के अनुसार मीटर रीडर मौके पर नहीं आता है, अंदाज से ही रीडिंग लिखकर बिल भेजा जाता है। आवेदक के पास ४९४४ रुपए का बिल आया है, जबकि इतनी बिजली की खपत नहीं होती है। जनसुनवाई में दिए आवेदन में आवेदक ने बिल माफ कराने की गुहार लगाई। इसके साथ ही राष्ट्रीय सहरिया संगठन द्वारा जनसुनवाई में आवेदन देकर सहरिया बस्ती में हैंडपंप लगवाने, पानी की टंकी बनवाने की मांग की। इसके अलावा संगठन ने वर्ष २०१२ से २०१५ तक सहरिया विकास अभिकरण के तहत आई राशि की जानकारी देने एवं उस अनुदान के माध्यम से समाज के अशिक्षित युवाओं को रोजगार देने की मांग की गई। संगठन ने स्वयं की सुरक्षा, सर्वे एवं विकास के लिए अधिकार देने तथा सहरिया समाज के लिए राशन कार्ड सहित विभिन्न शासकीय दस्तावेज बनवाने हेतु विशेष ध्यान देने की भी मांग की गई।

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