प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका, मॉरीशस और सेशेल्स की पांच दिवसीय दौरे पर आज से
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका,मॉरीशस और सेशेल्स की 5 दिवसीय दौरे पर आज से होंगे। उनकी इस यात्रा से भारत का हिंद महासागर क्षेत्र के देशों से रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे। इस यात्रा के दौरान मोदी श्रीलंका में तमिलों के गढ़ जाफना का भी दौरा कर सकते हैं। मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के बाद जाफना की यात्रा करने वाले दूसरे विदेशी नेता होंगे। प्रधानमंत्री जाफना जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे जहां भारतीय सहायता से निर्मित मकानों को सौंपेंगे। भारत का कोई प्रधानमंत्री इस द्वीपीय देश की 28 वर्षों के अंतराल के बाद यात्रा कर रहा है। इससे पहले राजीव गांधी ने 1987 में इस देश की यात्रा की थी। जाफना में करीब 20 हजार मकानों का निर्माण किया गया है जिसे भारत ने श्रीलंका में जारी एक महत्वपूर्ण सहयोग परियोजना करार दिया है।
भारतीय अधिकारियों ने कल कहा कि मोदी जब अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में 13 और 14 मार्च को श्रीलंका में होंगे तब भारत श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की विवादास्पद टिप्पणी के बीच अपने मछुआरों के अधिकारों के मानवीय मुद्दे का हल निकालने का प्रयास करेगा। एक संवाददाता सम्मेलन में विक्रमसिंघे की उस टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बारे में पूछे जाने पर कि भारतीय मछुआरों ने यदि श्रीलंका की समुद्री सीमा का उल्लंघन किया तो उन्हें गोली मारी जा सकती है तो विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कोलंबो में पिछले शनिवार को विक्रमसिंघे से मुलाकात के दौरान इस मामले को उठाया था।
जयशंकर ने कहा कि यह स्वीकार किया जाता है कि मछुआरों की आजीविका का मुद्दा है। एक यह मानवीय पहलू है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि श्रीलंका के साथ बैठकर इस मुद्दे का हल खोजेंगे। वर्तमान में सोच यह है कि दोनों देशों के मछुआरों के संघ मोदी की श्रीलंका यात्रा के बाद मुलाकात कर सकते हैं। जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत श्रीलंका की नयी सरकार के साथ उन करीब एक लाख तमिल शरणार्थियों को स्वदेश भेजने के मामले पर काम कर रहा है जो गृहयुद्ध के दौरान भागकर तमिलनाडु आ गए थे।
गौरतलब है कि सिरीसेना राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर पिछले महीने भारत आये थे। मोदी ने अपनी तीन देशों की यात्रा के बारे में रविवार को ट्वीट किया कि मैं श्रीलंका की अपनी यात्रा पर इस खुशी और आनंद के साथ रवाना होऊंगा कि यह यात्रा भारत-श्रीलंका संबंधों को आने वाले वर्षों में और मजबूती प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका के विदेश मंत्री जब गत जनवरी में भारत आये थे तब हम वह तरीका खोजने पर सहमत हुए थे जिससे ये शरणार्थी सम्मान, गरिमा और सुरक्षा के साथ वापस लौट सकें। जयशंकर ने कहा कि इस मुद्दे पर द्विपक्षीय चर्चा के लिए एक बैठक 30 जनवरी को पहले ही हो चुकी है।
जयशंकर के अनुसार तमिलनाडु में सरकार द्वारा संचालित 109 शिविरों में 65 हजार शरणार्थी जबकि राज्य में अन्य स्थान पर 37 हजार शरणार्थी रह रहे हैं। मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान श्रीलंका की संसद को भी संबोधित करेंगे।
मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के बाद जाफना की यात्रा करने वाले दूसरे विदेशी नेता होंगे। कैमरन नवम्बर 2013 में जाफना गए थे जब वह राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने श्रीलंका गए थे। मोदी श्रीलंका की अपनी यात्रा के पहले दिन शुक्रवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति मैतृपाला सिरीसेना के साथ वार्ता करेंगे।