फसल पर छाए संकट के बादल

Update: 2015-03-30 00:00 GMT

अशोकनगर | मौसम का मिजाज कभी नरम तो कभी गरम बना हुआ है। पिछले एक सप्ताह से पड़ रही तेज धूप रविवार को गायब रही। आसमान में छाये बादलों ने खेतों में खड़ी और खलिहानों में काटकर रखी हुई फसल पर संकट खड़ा कर दिया है, जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें छाई हुई हैं। मौसम विभाग ने जम्मू कश्मीर में आगे दो-तीन दिनों में भारी बारिश और बर्फवारी की चेतावनी दी है। इससे किसानों की चिंताएं और बढ़ गई हैं।
जब-जब जम्मू कश्मीर में बर्फवारी हुई है तो उत्तर की ओर से आने वाली हवाओं ने प्रदेश में भी ठंड और बारिश का दौर शुरू हो जाता है। मौसम विभाग ने जम्मू कश्मीर मे भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रदेश के धार सहित कुछ जिलों में इस समय बारिश हो रही है। ऐसे में जिले के किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। रविवार की सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए थे। दोपहर बाद तक आसमान को बादलों ने पूरी तरह से ढंक लिया। किसानों के मुताबिक अभी गेहूं की फसल पूरी तरह से पककर तैयार नहीं हुई है। हालांकि चना की फसल लगभग तैयार है लेकिन कटाई पूरी नहीं हुई है।
पिछौनी फसल तो अभी पकने की कगार पर ही पहुंची है। ऐसे में अगर बारिश होती है तो गेहूं और चना की फसल को काफी नुकसान पहुंचेगा। 20-25 दिन पहले ही हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि ने कचनार, नईसरांय, पिपरई, मोलाडेम आदि क्षेत्रों में फसलों को अत्यधिक नुकसान पहुंचाया। गेहूं की फसल जहां खेतों में आड़ी बिछ गई थी वहीं चना की फसल को 50 से 100 प्रतिशत तक नुकसान हुआ था। ऐसे में अगर दोबारा बारिश होती है तो फसलों को होने वाले नुकसान से किसान पूरी तरह से डूब जाएगा। पिछले नुकसान से लप्तोरा में एक किसान ने आत्महत्या कर ली थी। 

Similar News