भगत सिंह के परिवार की भी हुई थी जासूसी

Update: 2015-04-12 00:00 GMT

चंडीगढ। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बाद अब शहीद भगत सिंह के परिवारवालों की जासूसी का मामला सामने आया है। भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधु ने दावा किया है कि शहीद-ए-आजम के परिवार की भी कई सालों तक जासूसी की गई। उन्होंने मांग की कि सरकार भगत सिंह से जुडी सभी फाइलें सार्वजनिक करें। भगत सिंह से आठ साल छोटे भाई फ्रीडम फाइटर कुलबीर सिंह की जासूसी उनकी मौत के आखिरी दिन तक होती रही।

बाद में कुलबीर के बेटे अभय सिंह संधू और उनके परिवार की भी जासूसी होती रही। ये जासूसी कभी घरेलू नौकर तो कभी पुलिस के लोगों को भेजकर करवाई गई। 57 साल के संधु ने मोहाली में बताया, हमारे परिवार पर कई सालों तक नजर रखी गई। फोन पर होने वाली हमारी बातचीत भी सालों तक निगरानी के दायरे में रही। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन के समय से ही उनके परिवार पर पैनी नजर रखी गई। उन्होंने दावा किया, देश की आजादी के बाद भी हम खुफिया एजेंसियों की नजर में थे। उन्होंने कहा, हम वह सारी चीज जानना चाहते हैं जो ब्रिटिश सरकार ने सरदार अजित सिंह और शहीद भगत सिंह के बारे में लिखी थी।
सारे रेकॉर्ड्स को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। सरकार क्यों छुपा रही है। हमें उम्मीद है कि मौजूदा केंद्र सरकार जल्द ही इस बाबत कदम उठाएगी। संधु भगत सिंह के छोटे भाई सरदार कुलबीर सिंह के बेटे हैं जिनका जन्म 1914 में हुआ था और वह फिरोजपुर से जनसंघ के विधायक थे। संधु ने कहा, मेरे पिता दिवंगत सरदार कुलबीर सिंह ने दोनों से जुडी वे फाइलें और रेकॉर्ड प्राप्त करने की कोशिश की थी, जिन्हें दिल्ली के राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखा गया है।


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