ईरान के साथ संघर्ष करना अमेरिका के राष्ट्रीय हित में नहीं : ओबामा

Update: 2015-05-15 00:00 GMT

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि ईरान के साथ संघर्ष करना अमेरिका और खाड़ी देशों के राष्ट्रीय हित में नहीं है। उन्होंने इस बात पर भी बल देते हुए कहा कि वह एक ऐसे ईरान का स्वागत करते हैं, जो क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाए । अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने और खाड़ी सहयोग परिषद के नेताओं ने ईरान पर चर्चा में पर्याप्त समय लगाया। इस दौरान ओबामा ने ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए एक समग्र संधि की दिशा में होने वाली बातचीत के बारे में भी उन्हें अवगत कराया । ओबामा ने कहा, ‘ईरान के साथ संघर्ष करना हम सभी में से किसी के भी देश का हित नहीं है। हम एक ऐसे ईरान का स्वागत करते हैं, जो क्षेत्र में एक जिम्मेदार भूमिका निभाए, पड़ोसियों के साथ अपने मतभेदों को सुलझाने और विश्वास बनाने के लिए ठोस एवं व्यवहारिक कदम उठाए और अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप चले।’ओबामा का कहना है, ‘क्षेत्र में तनाव का अंत करने के लिए और यहां के विनाशकारी विवादों को सुलझाने के लिए एक व्यापक वार्ता की जरूरत होगी। एक ऐसी वार्ता, जिसमें ईरान और इसके खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) वाले पड़ोसी शामिल हों। इसलिए हमारे जीसीसी सहयोगियों की क्षमता को बढ़ाने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे सहयोगी विश्वास एवं मजबूती के साथ ईरान से राजनैतिक, कूटनीतिक स्तर पर निपट सकें।’साथ ही उन्होंने कहा, ‘हम इस बात पर सहमत हैं कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय चिंताओं को पूरी तरह से उठाने वाला एक समग्र, पुष्टि योग्य हल हमारे जीसीसी सहयोगियों समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित में है।’ओबामा ने कहा, ‘हम ईरान के साथ परमाणु संधि कर पाएं या नहीं, तब भी हमे उस क्षेत्र से कई खतरों का सामना करना पड़ेगा जिनमें उसकी अस्थिरताकारी गतिविधियों और आतंकी समूहों का खतरा भी शामिल है। इसलिए हम इन खतरों से निपटने और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर मिलकर काम करने वाले हैं।’ उन्होंने कहा कि इस सुरक्षा सहयोग का उद्देश्य ईरान के साथ किसी दीर्घकालिक विवाद को स्थायी बनाए रखना नहीं है।

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