काठमांडू। सप्ताह भर पहले नेपाल में आये भयंकर भूकंप में मरने वालों की संख्या 6621 हो गई है। वहीं, नेपाल सरकार ने अब उम्मीद छोड़ दी है कि मलबे में दबा कोई व्यक्ति जिंदा बचेगा। नेपाल सरकार के गृह मंत्री लक्ष्मी प्रसाद धकाल ने कहा, ''आपदा के बाद एक हफ्ते भर का वक्त बीत चुका है। हम लोग रेस्क्यू में पूरा दाम लगा रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि अब कोई मलबे के नीचे जिंदा बचा होगा।'' इधर, यूनिसेफ ने भूकंप प्रभावित नेपाल में महामारी पैलने की चेतावनी जारी की गई हैं। कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में मानसून के दौरान स्थिति और भयावह हो सकती है।
भूकंप के हफ्ते भर बाद नेपाल की सरकार अब बचाव कार्य के बदले राहत कार्य पर ज्यादा जोर दे रही है। सरकार का मानना है कि मलबे के नीचे से अब किसी के जिंदा बचने की उम्मीद नहीं है, इसलिए सारा ध्यान उन इलाकों पर शिफ्ट हो गया है जहां तक अभी राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है। इधर, यूएन के चिल्ड्रेन फंड, यूनिसेफ के अनुसार, भूकंप प्रभावित इलाकों में आने वाले दिनों में महामारी फैल सकती है। कुछ हफ्ते बाद ही आने वाले मानसून से नेपाल में 1.7 मिलियन यंगस्टर्स बीमारी का शिकार हो सकते हैं।
बता दें कि पिछले शनिवार को रिक्टर पैमाने पर 7.9 तीव्रता वाला भूकंप आया था। इसके बाद से नेपाल में भारतीय सेना के साथ कई देशों की रेस्क्यू टीम ऑपरेशन चला रही है लेकिन अभी भी ग्रामीण और काठमांडू के कुछ इलाकों से पूरी तरब से मलबा नहीं हटाया जा सका है।