फोटोकॉपी की तो पता चल जाएगा, विप्रो ने बनाया है अनूठा सॉफ्टवेयर
ग्वालियर। ई-स्टाम्प व्यवस्था से रजिस्ट्री के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े पर काफी हद तक अंकुश लगता दिख रहा है। नई व्यवस्था के अंतर्गत अब ई-स्टाम्प के माध्यम से रजिस्ट्री की जाएगी। इस व्यवस्था के लिए सॉफ्टवेयर कम्पनी विप्रो ने एक विशेष सॉफ्टवेयर बनाया है, जिसकी विशेषता यह है कि जैसे ही कोई ई-स्टाम्प की फोटोकॉपी करेगा तो उस पर फोटोकॉपी लिखा आ जाएगा। इसके चलते ई-स्टाम्प का पुन: उपयोग नहीं किया जा सकेगा। वहीं ई-स्टाम्प के लिए एक विशेष प्रकार का कागज प्रयोग में लाया जाएगा, जिस पर बार कोड अंकित होगा।
नई व्यवस्था आगामी 25 मई से शुरू होने जा रही है। इस संबंध में आईजी पंजीयक श्रीमती दीपाली रस्तोगी ने सभी को पत्र लिखकर सूचित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार नई व्यवस्था के चलते अब रजिस्ट्री कराने के लिए आमजन को स्टाम्प वेंडर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे बल्कि विभाग द्वारा अधिकृत सर्विस प्रोवाइडर के पास जाकर ई-स्टाम्प के माध्यम से रजिस्ट्री की जाएगी। पांच लाख मूल्य तक की सम्पत्ति की रजिस्ट्री पर पांच सौ रुपए व उसके अधिक मूल्य की सम्पत्ति की रजिस्ट्री के लिए 1000 रुपए प्रोसेसिंग फीस के रूप में वसूले जाएंगे। ई-स्टाम्प के लिए सर्विस प्रोवाइडर को एक अपकरण खरीदना होगा, जिसका बाजार मूल्य लगभग एक से डेढ़ लाख है। विभाग सर्विस प्रोवाइडर का लाइसेंस देने से पहले सर्वे कराएगी कि आवेदक के पास आवश्यक सामान है अथवा नहीं? लाइसेंस मिलने के बाद सर्विस प्रोवाइडर अपने खाते में कितनी भी राशि चाहे डलवा सकता है। इसके लिए न तो कोई न्यूनतम और न ही कोई अधिकतम राशि निर्धारित की गई है।
वेबसाइट पर पंजीयन कर बनें सर्विस प्रोवाइडर
ई-स्टाम्प व्यवस्था के अंतर्गत सर्विस प्रोवाइडर बनने का सुनहरा मौका है। सर्विस प्रोवाइडर बनने के इच्छुक व्यक्ति अथवा एजेंसी विभाग की वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस वेबसाइट पर संम्पदा पर क्लिक करके लॉगिन ऑप्शन पर जाकर अपना नया आईडी बनाकर उससे साइट पर लॉगिन करना होगा। उसके बाद ही सर्विस प्रोवाइडर के लिए आवेदन ऑनलाइन भरा जा सकेगा। महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक के निर्देशानुसार कम्प्यूटराइजेशन परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक कई लोगों ने आवेदन दिया है, जिसमें से पांच को बेरीफिकेशन के लिए 20 मई को बुलाया गया है। वहीं रजिस्ट्रेशन के लिए एक हजार का चालान काटा जाएगा। ई-स्टाम्प व्यवस्था के अंतर्गत सर्विस प्रोवाइडर को कमीशन एवं सेवा शुल्क की दर के निर्धारण के संबंध में राज्य शासन द्वारा ई-स्टाम्प सेवा के लिए नियुक्त व्यक्तियों या एजेंसियों को डेढ़ प्रतिशत कमीशन दिया जाएगा। इसी तरह ई-स्टाम्प सेवा हेतु व्यक्ति या एजेंसियों को पांच रुपए प्रति ट्रांजेक्शन की दर से सेवा शुल्क स्टाम्प के्रता से लिए जाने के लिए अधिकृत किया जाएगा।