नई दिल्ली। उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से जगह-जगह सडक़ सम्पर्क और पूल टूट जाने तथा भूस्खलन के कारण फंसे 15,000 लोगों को बचाने और प्रभावित क्षेत्रों से निकालने के लिये पुलिस, आईटीबीपी और नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) के साथ सेना की टीमें बचाव और राहत कार्य में जुट गई हैं । बारिश को देखते हुए चार धाम यात्रा अभी रोक दी गई है। राहत कार्यो में तेजी लाई गई है ।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यात्रा के रोका गया है उसे रद्द नहीं किया जायेगा । उन्होंने कहा कि श्रद्धालु आपदा के डर से यात्रा बीच में न छोड़ें । परिस्थितियों के ठीक होते ही यात्रा के फिर चालू कर दिया जायेगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी यात्रियो की प्रशासन पूरी मदद करेगा। उत्तराखंड में अधिकतर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गढ़वाल में जहां अलकनंदा, मंदाकिनी और भागीरथी का जलस्तर बढ़ गया है। वहीं ऋषिकेश व हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के करीब बह रही है ।
चार धाम यात्रा के दौरान फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए पुलिस, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें लगातार जुटी हुई है । हेलिकॉप्टर की सहायता से अब तक कई लोगों को निकाल जा चुका है। भारी बारिश के कारण बचाव टीमों को कई तरह की कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। 9000 से ज्यादा लोगों को अब तक सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है।