दोहरे कराधान समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे भारत, थाईलैंड

Update: 2015-06-28 00:00 GMT


बैंकाक | विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की आज से शुरू हुई तीन दिवसीय यात्रा के दौरान भारत और थाईलैंड दोहरे कराधान समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे और किसी थाई विश्वविद्यालय में आयुर्वेद चेयर की स्थापना हेतु सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किये जाएंगे।
सुषमा कल 16वें विश्व संस्कृत सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि होंगी और वहां संस्कृत में भाषण देंगी। कल से शुरू हो रहे पांच दिवसीय सम्मेलन में 60 देशों के 600 से अधिक विद्वान शामिल हो रहे हैं।
विदेश मंत्री भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता भी करेंगी जिसमें दोनों देश एक दोहरे कराधान अपवंचन संधि पर हस्ताक्षर करेंगे और 2013 में हस्ताक्षरित प्रत्यर्पण संधि की अभिपुष्टि के दस्तावेजों का आदान प्रदान करेंगे।
सुषमा के इस दौरे पर किसी एक थाई विश्वविद्यालय में एक आयुर्वेद पीठ की स्थापना के लिये सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर होंगे। विदेश मंत्री इस दौरान भारतीय व्यावसायिक नेताओं से मिलेंगी और शिक्षाविदों के साथ चर्चा करेंगी।
वह संस्कृत विद्वान और विश्व संस्कृत सम्मेलन की शाही संरक्षक राजकुमारी महा चक्री श्रींधोर्न से मिलेंगी। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी दो जुलाई को सम्मेलन के समापन समारोह में भाग लेंगी। सोमवार को सुषमा थाईलैंड के राजनीतिक नेतृत्व से मिलेंगी।
वह थाईलैंड सरकार के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री जनरल तानासाक पातिमप्रगोर्न से मिलेंगी। सुषमा के यहां पहुंचने पर उनकी अगवानी थाईलैंड के राजदूत चलित मणित्याकुल तथा विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने की।
सम्मेलन के अवसर पर ही भारत में दूरदर्शन संस्कृत में एक साप्ताहिक समाचार कार्यक्रम शुरू करेगा। 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही संस्कृत का संवर्धन राजग सरकार की योजनाओं में शामिल रहा है।

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