ये दफ्तर है या वाहन शोरूम!

Update: 2015-07-15 00:00 GMT

जनपद पंचायत का बरामदा बना पार्किंग स्थल

अशोकनगर | बरामदे में दर्जनों की संख्या में दो पहिया वाहन रखे हुए हैं। इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों से आए हुए लोग न केवल निहार रहे हैं बल्कि इनसे होने वाली परेशानियों पर खीज भी प्रकट कर रहे हैं। ये नजारा अशोकनगर जनपद पंचायत कार्यालय के बरामदे का है। बड़ी संख्या में रखे दो पहिया वाहन कार्यालय को किसी छोटे-मोटे शोरूम का एहसास करा रहे हैं। इनमें से ज्यादातर वाहन कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों के हैं। बेतरतीब ढंग से रखे ये वाहन लोगों को कार्यालय में आने जाने में भी दिक्कत दे रहे हैं। लोगों के मुताबिक यह केवल आज का नजारा नही है रोज ही इसी तरह से बरामदे में वाहन खड़े कर दिए जाते हैं। खास बात यह है कि जहां जिला मुख्यालय पर बने कुछ शासकीय कार्यालयों में वाहन पार्किंग के लिए जगह नही है वहीं अशोकनगर जनपद पंचायत के कार्यालय के सामने वाहन खड़ा करने के लिए पर्याप्त स्थान है। इसके बाद भी वाहनों को बरामदे में खड़ा कर दिया जाता है। जिससे यहां आने वाले आम आदमी को अच्छी खासी परेशानी हो जाती है।
बारिश में बिगड़ेंगे हालात:
आमतौर पर लोग अपने वाहनों को बारिश में भींगने से बचाने के लिए उसे छत आदि के नीचे रखते हैं लेकिन जनपद पंचायत में मंगलवार को रखे इन वाहनों को देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि वाहन मालिकों ने इन्हें बारिश से बचाने के लिए यहां नही रखा होगा। क्योंकि पिछले तीन-चार दिन से बारिश नही हुई है। जाहिर है व्यवस्था बनाने वाले ही व्यवस्था बिगाड़ रहे हैं। ऐसे में जब बारिश का दौर शुरू होगा तो बरामदे कि स्थिति और भी बदतर हो जाएगी। यहां उल्लेखनीय है कि जनपद पंचायत का दायित्व गांवों और खेतों की तरक्की तक करने की योजनाएं संचालित करने का है। लेकिन जिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने कार्यालय के बाहर ही व्यवस्था दुरुस्त नही कर पा रहे हैं तो शासन की बड़़ी और महत्वाकांक्षी योजनाओं का सफलता पूर्वक क्रियान्वयन करा पाएंगे।
अधिकारी भी नही देते ध्यान:
जनपद पंचायत कार्यालय के पास एसडीएम, जनपद पंचायत सीईओ, जिला पंचायत सीईओ सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय और निवास हैं। लेकिन आजतक अधिकारियों ने भी आम आदमी को आ रही परेशानी और कार्यालय की बिगड़ी पार्किंग व्यवस्था की ओर ध्यान नही दिया है।

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