दूसरे दिन भी नहीं खुले स्कूल

Update: 2015-07-16 00:00 GMT

दबंगों के उत्पाद के बाद शिक्षक और छात्र-छात्राओं में भय, नहीं हुई एफआईआर

अशोकनगर | ग्राम लखेरी बसारती और सहोदरी में दबंगों के आतंक के चलते दूसरे दिन भी स्कूलों में शिक्षा का पाठ नहीं पढ़ाया जा सका। लखेरी बसारती मामले में देहात पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है लेकिन सहोदरी मामले में पुलिस ने ढील-पोल बरतते हुए अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की एवं जांच की बात कही जा रही है। बुधवार को मिडिल स्कूल सहोदरी का ताला तो खुला लेकिन छात्राएं तो दूर एक भी छात्र स्कूल में नहीं पहुंचा। शिक्षक मौजूद थे लेकिन डरे-सहमे हुए थे। स्कूल के प्रधानाध्यापक तो यह भी कहते देखे गए कि पुलिस की मामला दर्ज करने में रुचि नहीं है और प्रभावशाली व्यक्ति कभी भी राजीनामा करा सकता है। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले सोमवार को लखेरी के प्राइमरी और सहोदरी के मिडिल स्कूल में चार शराबियों द्वारा जमकर उत्पात मचाया गया था। छात्राओं से अभद्रता की गई और बच्चों की कापी-किताबें फाड़कर फेंक दी गईं। डरे-सहमे बच्चे स्कूल में चप्पल-जूते तक छोड़कर भाग गए थे जो अभी तक वापिस लौटकर नहीं आए हैं। शिकायत के बाद पुलिस ने महज एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। मिडिल स्कूल सहोदरी के प्रधानाध्यापक खुमानचंद ने बताया कि वे यहां अगस्त 2009 से पदस्थ हैं। पहले भी कई बार शराबी लोग स्कूल में उत्पात मचा चुके हैं लेकिन छात्राओं के साथ गाली-गलौंच पहली बार हुई है। स्कूल में 144 छात्र-छात्राएं हैं, इनमें अधिकांश छात्राएं हैं। स्कूल में तीन शिक्षक हैं। शिक्षक अशोक ओझा ने बताया कि शराबी तत्व सीधे अंदर आए और छात्राओं के.

हैण्डपंप खराब होना भी वजह
डेढ़ सौ छात्र-छात्राएं होने के बाद भी स्कूल में पेयजल व्यवस्था नहीं है। सोमवार की घटना के बाद गांव में चर्चा है कि स्कूल परिसर में लगा हैण्डपंप खराब था, इस कारण छात्र-छात्राएं स्कूल से दूर प्राइमरी स्कूल के पास लगे हैण्डपंप पर पानी पीने गई थीं। इसी दौरान एक छात्रा से असामाजिक तत्वों ने अभद्रता की,जिस पर छात्रा ने भी बिना डरे उन्हें करारा जवाब दे दिया। इसी से नाराज होकर शराबियों ने स्कूल में उत्पात मचाने की कोशिश की। अगर स्कूल में पेयजल व्यवस्था होती तो संभवत: घटना को टाला जा सकता था। हालांकि ग्राम लखेरी में हुए उत्पात में भी इन्हीं आरोपियों का हाथ बताया जाता है। चर्चा है कि उक्त आरोपी पहले भी इस तरह की हरकतें कर चुके हैं परन्तु ठोस कार्यवाही न होने से वह दोबारा ऐसी हरकत करने से बाज नहीं आते।

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