नपा के घमासान में फिर इस्तीफे का नाटक

Update: 2015-07-03 00:00 GMT

10 भाजपा पार्षदों ने छोड़ी समिति, अध्यक्ष पर मनमानी का आरोप


गुना। नपाध्यक्ष राजेन्द्र सलूजा और चंद पार्षदों के बीच विवाद के चलते नगर पालिका में मचे घमासान में फिर इस्तीफे का नाटक देखने को मिल रहा है। इस बार 10 भाजपा पार्षदों ने नपा की विभिन्न समितियों  की सदस्यता से इस्तीफा दिया है। सदस्यों ने आरोप लगाया कि परिषद के गठन से आज तक समितियों की बैठक नहीं बुलाई गई है। इसके विपरीत मनमाने और नियम विरुद्ध तरीके से शहर विकास के प्रस्ताव परिषद में रखे जा रहे हंै, जिससे बैठक विवाद और हंगामे की भेंट चढ़कर विकास अवरुद्ध हो रहा है।  उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भी इस तरह की भूमिका बनाई गई थी, किन्तु बाद में खुद भाजपा मे ही इस्तीफों का दौर शुरु हो गया था। इसके बाद पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। जो अब फिर जोर पकड़ गया है।
12 जनवरी को हुआ था गठन
नपा परिषद के गठन के साथ ही 12 जनवरी को परिषद की प्रेसीडेंट इन काउंसिल एवं सलाहकार समितियों का गठन करते हुए प्रभारी व सदस्यों को मनोनीत किया गया था। प्रत्येक समिति में प्रभारी सचिव नपा में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों को बनाकर पांच सदस्य (पार्षद) रखे गए हैं।
इन सदस्यों ने दिए इस्तीफा
नपा उपाध्यक्ष प्रमोद राजू यादव के नेतृत्व में भाजपा के दस सदस्यों ने सीएमओ को समितियों से त्यागपत्र दिया। इनमें अंजना धर्मपाल जाट, मुन्नीदेवी कुशवाह, पार्वती रामभरोसा कुशवाह, सोनम रघुवीर, नीरू बृजेश शर्मा, ममता नवीन चौधरी, गीता राजू धाकड़, लक्ष्मी राजेश जाटव, मृदुल शर्मा व प्रमोद घोसी शामिल हैं।
सदस्यों के आरोप
 सदस्यों ने इस्तीफा में नियमानुसार बैठकें न बुलाना और मनमाने तरीके से परिषद में प्रस्ताव रखना  का आरोप लगाया है।  उनका कहना है कि नियमानुसार विकास और व्यवस्थाओं से जुड़े मुद्दे व प्रस्ताव पहले समिति में रखे जाते हैं। इसके बाद पीआईसी और आखिर में परिषद में मंजूरी के लिए रखे जाते हैं। किन्तु नपा में  सीधे ही प्रस्ताव परिषद में रखे जा रहे है।  इस दौरान एसडीएम के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया।
भाजपा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष खामोश
इस पूरे मामले का दिलचस्प पहलू यह है कि जहाँ भाजपा और कांग्रेस के चंद पार्षद गलबहियां करके निर्दलीय नपाध्यक्ष राजेन्द्र सलूजा को घेरने में लगे हुए है, वहीं दोनों ही दलों के जिलाध्यक्षों ने इस मसले पर खामोशी ओढ़ रखी है। उनकी ओर से मामले को लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, जबकि दोनों दलों को दूसरे नेता सक्रिय बने हुए है।

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