याकूब की पत्‍नी को सांसद बनाने की मांग करने वाले सपा नेता को पार्टी ने पद से हटाया

Update: 2015-08-01 00:00 GMT

मुंबई | याकूब मेमन की पत्नी को राज्यसभा के लिए नामांकित करने की मांग करने पर समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के उपाध्यक्ष मोहम्मद फारूक घोसी को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
इससे पहले समाजवादी पार्टी ने अपनी मुंबई इकाई के उपाध्यक्ष मोहम्मद फारूक घोसी द्वारा सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखकर हाल में फांसी की सजा पाये आतंकवादी याकूब मेमन की पत्नी को संसद भेजने की सिफारिश से पल्ला झाड़ लिया है।
सपा के प्रान्तीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने इस पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सपा मुखिया से मुंबई बम धमाकों के जुर्म में गत 30 जुलाई को फांसी की सजा पाये याकूब मेमन की पत्नी राहीन को सांसद बनाने की गुजारिश फारूक की निजी भावना हो सकती है, मगर इसे पार्टी का रुख नहीं माना जा सकता। वह तो फारूक को जानते तक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक राजधानी पर हमला करके सैकड़ों लोगों की जान लेने वाले व्यक्ति को पिछले दिनों फांसी हुई है और पूरा मुल्क इस सजा का समर्थन करता है।
वहीं, फारूक ने कहा कि वह मानते हैं उनसे इस मामले में जल्दबाजी हो गई, लेकिन वह अब भी अपने रुख पर कायम हैं। फारूक ने कहा कि याकूब का नाम जुड़ जाने से कोई गुनहगार नहीं हो जाता। याकूब मेमन की पत्नी अदालत से बाइज्जत बरी हुई थी। उसे देश के कानून ने बरी किया है। केन्द्र में जब से भाजपा सत्ता में आयी है तब से मुसलमान खुद को असहाय महसूस कर रहे है। इस वक्त अगर हम उसे संसद लेकर जाते हैं तो यह मजलूमों की आवाज बन सकती है। उन्होंने कहा नेताजी (मुलायम) ने हमेशा मजलूमों और असहायों का साथ दिया है। उन्होंने फूलनदेवी और अबू आसिम आजमी को भी अदालत से बरी होने के बाद संसद में भेजा था।
याकूब की पत्नी की वकालत करने पर गलत संदेश जाने के सवाल पर फारूक ने कहा जहां तक संदेश की बात है तो जिसको न्यायालय ने बरी कर दिया है उसको मुख्यधारा में लाया जाएगा तो इसमें क्या गलत होगा। हालांकि इस मामले में जल्दबाजी करने की बात स्वीकार करते हुए फारूक ने कहा सपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख अबू आसिम आजमी समेत कई शुभचिन्तकों ने मुझसे बातचीत करके इस जल्दबाजी के बारे में बताया है। मैं भी मानता हूं कि मुझसे जल्दबाजी हो गयी, लेकिन मैं अपने बयान पर अब भी कायम हूं।
बहरहाल, सपा के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबु आसिम आजमी ने इसे गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी कह कर इस मामले से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि इस पत्र पर घोसी से सफाई मांगी जाएगी। आजमी ने कहा, उन्होंने (घोसी ने) गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करने से पहले पार्टी से संपर्क नहीं किया। उन्होंने निजी तौर पर यह पत्र लिखा है। उनसे अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा गया है।
कांग्रेस ने कहा कि मेमन को फांसी की सजा देने का फैसला उच्चतम न्यायालय का है और इस लिए इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाए। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, यह उनका अपना आंतरिक पार्टीगत मामला है। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि उनका एजेंडा मुद्दे को सांप्रदायिक मोड़ देना है। मेमन को फांसी देने का फैसला उच्चतम न्यायालय ने किया और इस लिए अब मामले को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाए।

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