दुग्ध धारा से हुआ शिव जी का अभिषेक

Update: 2015-08-11 00:00 GMT

झाँसी। श्रावण मास समारोह महासमिति के तत्वावधान में श्रावण मास के द्वितीय सोमवार को आज महासमिति के अध्यक्ष रवीश त्रिपाठी के संयोजन में मढिय़ा मोहल्ला स्थित महाकालेश्वर मंदिर में आचार्य मणि उपाध्याय एवं चिन्तामणि दुबे के मंत्रोच्चारण एवं वैदिक विधि विधान से पूजन अर्चन कर महाकालेश्वर महाकाल का सहस्त्र दुग्ध धाराओं एवं भस्म से महाभिषेक किया तत्पश्चात् मण्डलाचार्य लल्लन महाराज द्वारा महाकालेश्वर महाकाल की भस्म से महाआरती की गयी। हर-हर महादेव व बम-बम भोले के जयकारों से शिवालय गुंजायमान हो गया। मुख्य यजमान जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मीरा राय रहीं। मण्डलाचार्य लल्लन महाराज ने कहा कि मानव के जीवन में त्रितापों का ही महत्व है रोग, दोष, पाप, त्रिताप कहे जाते हैं। श्रावण मास में सोमवार के दिन महाकालेश्वर का अभिषेक तो लाभप्रद है ही लेकिन अभिषेक से पापों का समन्वय या संबंध नहीं होता है। भगवान भोलेनाथ की भस्म आरती से त्रिताप नष्ट होते हैं क्योंकि सदाशिव स्वयं श्मशान में निवास करते हैं अत: उज्जैन महाकालेश्वर आज की विभूति द्वारा महादेव के स्थान पर दिव्य भस्म महाआरती की गयी। सप्त प्रकार की भस्मों में सबसे प्रिय श्मशान भस्म से जो आरती करता है, लेपन करता उसकी कामना पूर्ण होकर कल्याण भी होता है। इस अवसर पर महासमिति के अध्यक्ष रवीश त्रिपाठी, रामेश्वर प्रसाद उपाध्याय, सुभाष चौरसिया, अखिलेश पाण्डेय, विनोद अग्रवाल, राजेंद्र सिंह कुशवाहा, राजकुमार अमरया, महेश उपाध्याय, सुभाष रावत, अविनाश मिश्रा, रमेश माली, अंकुर अग्रवाल, धीरेंद्र अवस्थी, ऋषभ त्रिपाठी, हरीशंकर तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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