बीमार बच्चे को अस्पताल से लौटाया

Update: 2015-09-11 00:00 GMT

पर्चे की राशि भी नहीं लौटाई

अशोकनगर | जिला चिकित्सालय से एक 5 वर्षीय बालक को बगैर उपचार के ही वापस लौटा दिया है। बच्चे के उपचार से पहले पर्चे के रूप में जमा कराई गई 5 रुपये की राशि भी नही लौटाई गई है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब बीमार बच्चे के पिता और वृजनारायण शर्मा नामक व्यक्ति द्वारा इस आशय की शिकायत कलेक्टर से की गई। हांलाकि कलेक्टर से शिकायत करने के बाद भी न तो बच्चे को उपचार मिला और न ही उसके 5 रुपये लौटाए गए हैं। इस संबंध में बीमार बच्चे के उपचार कराने अस्पताल पहुंचे वृजनारायण शर्मा ने बताया कि वे जिला अस्पताल में बुधवार को देव ओझा उम्र 5 वर्ष का उपचार कराने बच्चे के पिता के साथ गए हुए थे। अस्पताल से पर्चा बनवाने के बाद जब घण्टों तक बच्चे का उपचार और देखने वाले शिशु रोग विशेषज्ञ नही मिले तो उसने इसके लिए सिविल सर्जन को बताया। यहां सिविल सर्जन को यह सब बताना इतना महंगा पड़ गया कि आखिर बगैर उपचार के ही वापस अस्पताल से लौटना पड़ा। बीमार बच्चे के पिता और उनके साथी की मानें तो उनका कहना था कि सिविल सर्जन ने उन्हें यह कहकर भगा दिया कि जहां चाहे वहां चले जाओ नही होगा तुम्हरा इलाज। जब उन्होंने उनसे निवेदन किया तो उल्टे पुलिस में शिकायत करने की बात कहने लगे। जिससे कलेक्ट्रेट में आकर शिकायत कर बच्चे के उपचार कराने की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में सिविल सर्जन से जब सम्पर्क करना चाहा तो उन्होंने कोई जबाव नही दिया। उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में एक प्रसूतिका ने प्रसव के दौरान मृत शिशु को जन्म दिया। द्रोपती नामक उक्त महिला के पति टेहल सिंह और परिजनों ने बताया कि गर्भवती होने के दौरान उन्होंने कई बार जिला अस्पताल में महिला का चैकअप कराया था। जहां उसे सोनोग्राफी कराने की सलाह चिकित्सक द्वारा दी गई थी। मगर रुपयों के अभाव के कारण वह यह जांच नही करा पाई। और प्रसव के दौरान परेशानी को झेलना पड़ा। बतादें जिला अस्पताल में सोनोग्राफी है मगर आज तक कोई जांच नही कराई जाती है। हाल ही में स्वास्थ्य डिप्टी डायरेक्टर द्वारा निरीक्षण कर व्यवस्था सुधारने की हिदायत दी गई थी। अभी दो दिन ही बीते है कि व्यवस्था सुधारने के नाम अब तक कुछ भी नही हुआ बल्कि बीमार रोगियों को परेशानी बढ़़ा रहे हैं।

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