नेताजी की फाइलों पर राजनीति ना करें ममता: भाजपा

Update: 2015-09-19 00:00 GMT

कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी 64 फाइलें सार्वजनिक किए जाने के बाद भाजपा ने ने कहा कि रहस्यमय हालात में नेताजी के लापता होने के मुद्दे पर केंद्र भी गंभीर है और इस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राजनीति नहीं करनी चाहिए।
भाजपा ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने जिन फाइलों को गोपनीय सूची से बाहर किया है, उनका संभवत: कोई अंतरराष्ट्रीय प्रभाव नहीं है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एमजे अकबर ने कहा कि इस मामले में कोई दूसरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जितना अग्र-सक्रिय नहीं रहा।
वह बोस परिवार से मिले और मामले की जटिलता का परीक्षण करने के लिए समिति का गठन किया। हमें विश्वास है कि इस मामले में जो कुछ भी करने की जरूरत है, वह राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए करेंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि हम राज्य सरकार से इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने का आग्रह करते हैं। जिन फाइलों को राज्य में गोपनीय सूची से बाहर किया गया है।
उनका संभवत: कोई अंतरराष्ट्रीय प्रभाव नहीं है, लेकिन केन्द्र के पास जो फाइलें हैं, उनका दूसरे देशों के साथ हमारे संबंधों पर प्रभाव पड़ सकता है। वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल सरकार के कदम का स्वागत करते हुए कांग्रेस ने कहा कि केंद्र सरकार को एक विशिष्ट अवधि के बाद सभी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किए जाने को लेकर एक नीति बनानी चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने बताया कि हमारा भी यह मानना है कि केंद्र सरकार को नेताजी की फाइलें सार्वजनिक करनी चाहिए। केंद्र को एक ऐसी नीति बनानी चाहिए जिससे एक विशिष्ट अवधि के बाद गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया जा सके।
यह 20 साल, 30 साल या 40 साल हो सकता है।कांगेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि नेताजी की फाइलें सार्वजनिक करने के मुद्दे पर भाजपा का बहुत बहुत स्वागत है।
स्वयं नेताजी की ओर से गठित किए गए ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने फाइलों को गोपनीय सूची से हटाने का स्वागत किया और केन्द्र से इसी नक्शे कदम पर चलते हुए उसके पास मौजूद 135 फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग की।

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