भगवान कृष्‍ण और बुद्ध ने दुनिया को पढ़ाया समानता का पाठ: मोदी

Update: 2015-09-05 00:00 GMT

गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महाबोधि मंदिर के दर्शन किए और वहां पर पूर्जा अर्चना भी की। उन्होंने वहां मौजूद दानपात्र में दान भी डाला। हिंदु-बौद्ध सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध और भगवान श्री कृष्ण ने दुनिया को समानता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि बुद्ध के ज्ञान में हर समस्या का हल है। बुद्ध पर हिंदु दर्शन का असर था और वह सबसे साहसी शिक्षक भी थे। विवेकानंद ने भी बुद्ध की तारीफ की है।
इससे पूर्व वह सुबह करीब 11 बजे बोधगया पहुंचे थे। उनके साथ नई दिल्ली में आयोजित 'अंतरराष्ट्रीय हिन्दू-बौद्ध सम्मेलन' में भाग लेने वाले कई देशों के प्रतिनिधि भी शामिल थे। बुद्धभूमि पर प्रधानमंत्री की अगवानी राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने किया। इस बीच नक्सलियों ने मगध बंद का एलान किया है। इस वजह से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं।
इसके पहले पीएम गया एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव सहित एनडीए के नेताओं ने किया। एयरपोर्ट पर राज्य सरकार की तरफ से उनका स्वागत करने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं पहुंचे। राज्य सरकार की तरफ से उनका स्वागत मंत्री श्याम रजक ने किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी उपस्थित रहे।
गया एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। थोड़ी देर बाद वे बोधगया के लिए प्रस्थान कर गए।
इसके पहले शुक्रवार को पीएम के कारकेड का पूर्वाभ्यास किया गया। मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, गृह सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी पीके ठाकुर ने सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया। मुख्य सचिव ने तैयारियों को संतोषप्रद बताया है।
पीएम महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध व बुद्धेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना कर पवित्र बोधिवृक्ष पर पुष्प अर्पित करेंगे। साथ ही मंदिर परिसर में ही संघर्ष से बचाव और पर्यावरण जागरूकता विषय पर विदेशी प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे।
पीएम के संबोधन स्थल के समीप नव नालंदा महाविहार द्वारा ह्वेनसांग की मगध यात्रा और मगध क्षेत्र के बौद्ध स्थलों की प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसका अवलोकन पीएम व विदेशी प्रतिनिधि करेंगे। वापसी में पीएम महाबोधि सोसाइटी की शाखा बोधगया जाएंगे। वहां जयश्री महाबोधि विहार में भगवान बुद्ध व उनके शिष्यों के अस्थि अवशेष का दर्शन करेंगे।

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