हैदराबाद/नई दिल्ली| हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे छात्र रोहित वेमुला विश्वविद्यालय परिसर स्थित छात्रावास में रविवार को मृत पाए गए। इस पर बवाल शुरू होने के बाद केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और विश्वविद्यालय के वीसी अप्पा राव के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।
कई छात्र संगठन इस मुद्दे को लेकर देशभर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय परिसर में काफी तनाव है। केंद्र ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। रोहित उन पांच छात्रों में शामिल थे जिन्हें पांच अन्य दलित छात्रों के साथ निलंबित कर दिया गया था। तनाव को देखते हुए विश्वविद्यालय परिसर में भारी पैमाने पर पुलिस बल को तैनात किया गया है।
साइबराबाद पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने सोमवार को बताया, रविवार रात को छात्रों ने एकजुट होकर रोहित के शव के साथ प्रदर्शन किया और नारे लगाए। छात्रों का आरोप है कि केंद्रीय श्रम राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दत्तात्रेय और वीसी की मिलीभगत से अंबेडकर स्टूडेंट एसोसिएशन के पांच छात्रों को निलंबित किया गया था। छात्रों ने पुलिस से दत्तात्रेय के खिलाफ अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार कानून के तहत मामला दर्ज करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने शोधार्थी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र भी लिखा था।
विश्वविद्यालय से थे निलंबित
रोहित हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से ‘विज्ञान प्रौद्योगिकी और समाज’ विषय पर शोध कर रहे थे। अगस्त 2015 में डाक्यूमेंट्री ‘मुजफ्फरनगर बाकी है’ के प्रदर्शन को लेकर दलित छात्र संगठन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच हुए विवाद मामले में रोहित और पांच अन्य दलित छात्रों को विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया गया था। इस कारण वह बहुत परेशान थे। छात्रावास से निकाले जाने के बाद ये छात्र परिसर में ही खुले आसमान के नीचे धरना दे रहे थे।
जांच को फैक्ट फाइंडिग टीम गठित
दिल्ली में विभिन्न संगठनों के प्रदर्शनों के बीच केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदखुशी मामले में जांच के आदेश दिए हैं। मंत्रालय ने इस संबंध में दो सदस्यीय फैक्ट फाइडिंग टीम का गठन किया है, जो मामले में छानबीन करेगा।
इस टीम में मंत्रालय के विशेष कार्य अधिकारी(ओएसडी) शकीला टी. सम्सू और उप-सचिव स्तर के अधिकारी सूरत सिंह शामिल हैं। यह टीम पूरे मामले की जांच करेगी और मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
निलंबन को गलत बताया: हैदराबद विश्वविद्यालय में तनावपूर्ण स्थिति देखी गई है। कई छात्र संघों ने सोमवार को शिक्षण संस्थानों में बंद का आह्वान किया। शोधार्थी छात्रों के निलंबन के विरोध में पिछले सप्ताह छात्रों के एक वर्ग ने विश्वविद्यालय की प्रशासनिक इमारत का घेराव किया था। संयुक्त कार्य समिति (जेएसी) के तत्वावधान में छात्रों ने इस निलंबन और पांच शोधार्थी छात्रों के छात्रावास में प्रवेश की अनुमति से इनकार को अलोकतांत्रिक और सामाजिक बहिष्कार बताया था। छात्रावास में प्रवेश रोके जाने के चलते इन छात्रों को मजबूरन परिसर में एक अस्थायी तंबू में सोना पड़ा था। उन्हें बस अपनी कक्षाओं और अध्ययन संबंधी अपने विषयों से जुड़ी कार्यशालाओं तक ही जाने की इजाजत थी।
छह महीने से छात्रवृत्ति नहीं मिली
आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रहने वाले रोहित को यूजीसी से जूनियर रिसर्च फेलोशिप(जेआरएफ) मिला था। लेकिन छात्र ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि छह महीने से उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिली थी जिससे परेशानी और बढ़ गई थी।