भारत-चीन बॉर्डर पर तैनात होगी आईटीबीपी की महिला बटालियन

Update: 2016-01-18 00:00 GMT

नई दिल्ली। आईटीबीपी की 500 महिला जवानों की पहली टुकडी भारत-चीन बॉर्डर पर तैनाती के लिए तैयार है। 44 हफ्ते की कडी ट्रेनिंग के बाद कॉन्स्टेबल पोस्ट पर कमीशंड हुई हैं। माहौल से रूबरू कराने के लिए अंतिम बार इन्हें पहाडी इलाके में भेजा जाएगा। आईटीबीपी 3,488 किमी लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) की सिक्युरिटी करती है। इस साल मार्च में महिला जवानों की स्क्वॉड को 8 हजार से 14 हजार फीट की ऊंचाई पर 20 अलग-अलग लोकेशन पर तैनात किया जाएगा। माना पास पोस्ट पर भी महिला जवान रहेंगी। माना पास उत्तराखंड में भारतीय सीमा का अंतिम गांव है। यह पहली बार होगा जब किसी महिला ब्रिगेड को सीमा पर तैनात किया जाएगा। खासकर के उस सीमा (इंडो-चाइना) पर जहां हर लिहाज से अपोजिट कंडीशन रहती हों। आईटीबीपी के महानिदेशक कृष्णा चौधरी ने नए कैडेट्स की पासिंग आउट परेड देखने के बाद उनसे कहा कि उनकी हिमालयी श्रंखला में सबसे कठिन जगहों पर तैनाती होगी और वे वहां पर अपना बेस्ट देने की कोशिश करें।
उन्होंने कहा, नियुक्ति से पहले आपको फील्ड ट्रेनिंग और ऊंचाई पर रहने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुझे उम्मीद है कि आप आईटीबीपी और देश को गर्व का अहसास कराएंगी। आईटीबीपी ने इन पोस्ट पर अपने कुल जवानों की कम से कम 40 फीसदी संख्या में महिलाओं को रखने का फैसला किया है। इन महिलाओं में से सबसे ज्यादा (97) उत्तराखंड से हैं। इन्होंने पिछले साल फरवरी में आईटीबीपी जॉइन की थी। इसके अलावा 10 महिलाएं हिमाचल प्रदेश से, 51 बिहार से, 11 हरियाणा से, 22 राजस्थान से, 63 उत्तर प्रदेश से और 35 महाराष्ट्र से हैं। बाकी कॉन्स्टेबल में पंजाब से 11, असम से 35, गुजरात से 21, झारखंड से 26, छत्तीसगढ से छह, जम्मू-कश्मीर से तीन और दिल्ली और आंध्र प्रदेश से 1-1 कैडेट शामिल हैं। सबसे पहले 2008 में 70 हजार महिला कॉन्स्टेबल की भर्ती की गई थी, लेकिन उन्हें शांति और व्यवस्था कायम रखने और नाथू ला दर्रे में ही तैनाती दी गई थी। आईटीबीपी में कुल 1,661 महिलाएं हैं, जिसमें से 1033 कॉन्स्टेबल रैंक की हैं।

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