द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जौरा का फैसला, 2013 की घटना
मुरैना। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जौरा जाकिर हुसैन ने दहेज हत्या के मामले में मृतिका के पति और ससुर को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास सहित छह-छह हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक अनिल कुमार अग्रवाल एडवोकेट ने की।
मामला कुछ इस प्रकार था कि धौलपुर जिले की बसेड़ी तहसील के पूठपुरा गांव निवासी रामनिवास सिंह परमार की बेटी सोनी की शादी 21 जून 2010 को देवगढ़ क्षेत्र के ग्राम गुर्जा निवासी मातादीन के पुत्र कल्ला उर्फ राकेश सिंह सिकरवार के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही पति कल्ला सहित ससुर मातादीन और सास मीरा उसे दहेज की मांग को लेकर प्रताडि़त करते थे। 7 सितंबर 2013 की रात को पति, ससुर सहित सास ने पानी के ड्रम में डुबोकर सोनी की हत्या कर दी। पुलिस ने तीनों के खिलाफ धारा 302, 498 सहित दहेज एक्ट की धारा 3/4 का मामला दर्ज किया।
न्यायालय में मामले की ट्रॉयल के दौरान प्रस्तुत साक्ष्य एवं गवाहों के आधार पर न्यायाधीश श्री हुसैन ने पति कल्ला और ससुर मातादीन को दोषी करार दिया। जबकि मीरा को पुलिस मामले का फैसला होने तक गिरफ्तार नहीं कर पाई। दोषसिद्ध पाए जाने पर दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास, दो साल सश्रम कारावास के साथ धारा 302 में पांच-पांच हजार एवं धारा 498 में एक-एक हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है।