कठोर कदम की आवश्यकता
पठानकोट हमले को एक माह होने जा रहा है पाकिस्तान ने जाँच कर तुरंत दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भारत सहित अमेरिका व विश्व समुदाय को भरोसा दिया था, हमले के बाद मसूद अजहर ने हमले की जिम्मेदारी ली व और हमले करने की धमकियां खुले आम दी, उसके बाद भी आज तक पाकिस्तान द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पाकिस्तान को बार-बार आतंकियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने का कह रहे हैं, उसके बाद भी नवाज शरीफ सरकार व सेना कमजोर साबित हो रही है, पेशावर आर्मी स्कूल के मासूम बच्चों पर हमले के बाद, बाचा खान यूनिवर्सिटी पर हमला कर कई निर्दोष लड़के-लड़कियों सहित प्रोफेसर द्वारा भी अपनी जान गंवाई गई। इसके बाद भी पाकिस्तान सरकार अभी तक बेखौफ घूम रहे आतंकवादियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। नवाज शरीफ सरकार एक कमजोर सरकार है, इसके साथ ही जनता में भी सेना व आतंकियों का खौफ है। आतंकियों ने धमकी दी हम स्कूलों-कालेजों पर हमले करेंगे। एक प्रकार से उन्होंने सेना व आम नागरिकों के बच्चों को मारने की चेतावनी दी। उसके बाद भी सेना सरकार व आमजनता चुप रहकर आतंक सहने को मजबूर दिखती है। उस देश से आतंकी क्या खत्म होंगे, जहां के पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ जैसे आतंकियों को हीरो बोले व उनका समर्थन करे, जहां पर आतंकी खुले आम घूमते हुए अमेरिका भारत सहित विश्व को धमकियां दे रहे हो, जो देश ओसामा सहित आतंकियों का पनाहगाह पैदा करने वाले के साथ ट्रेनिंग केम्प भी खोल रखे हैं, जब तक अमेरिका सहित विश्व समुदाय ठोस कार्रवाई नहीं करेगा, तब तक सभी देशों पर आतंकी खतरा बना रहेगा। अब आतंकवाद पर एक जुटता के साथ बगैर भेदभाव के कार्रवाई की जाना चाहिए व पाकिस्तान की सेना व सरकार पर भी विश्व समुदाय को आतंकियों के आय के स्रोतों के साथ कड़ी कार्रवाई बाबत दबाव बनाना होगा, जब तक पाकिस्तान से आतंकियों का खात्मा नहीं होगा, आतंकवाद समाप्त नहीं होगा।
पुरुषोत्तम गुप्ता