मण्डी समिति की कार्रवाई पर व्यापारी प्रतिनिधि ने उठाए सवाल
मुंगावली। कृषि उपज मण्डी में शासकीय सामग्री को खुर्दबुर्द किया जा रहा है। शनिवार को मण्डी समिति द्वारा इलेक्ट्रानिक कांटों पर उपयोग किये जाने वाले ऐसे रेम्पों को कबाडे में बेंच दिया जिनका उपयोग आज दिनांक तक मण्डी के किसी फड़ पर किया ही नही गया। इस सबंध में सबंधित शाखा प्रभारी से जानकारी मांगी गई तो उनका कहना है कि इस सामग्री के अलावा अन्य सामग्री को मण्डी समिति द्वारा उनुपयोगी घोषित कर दिया है और उसके बाद यह विक्रय किया गया है। परन्तु इसके विपरीत मण्डी समिति में व्यापारी प्रतिनिधि सितेन्द्र जैन का कहना है कि आज तक जब किसी भी प्राकर के रेंम्पों का मण्डी में उपयोग ही नही किया गया तो वह अनुपयोगी कैसे हो सकते हैं। इस प्रकार यदि रेम्पों को कबाड़े में बेंचा गया है तो वह अधिकारियों और कर्मचारियों कि मिलीभगत से ही हुआ है। ऐसा कोई प्रस्ताव मेरे सामने नही आया है।
हम्मालों को करना पड़ती है मशक्कत:
एक ओर जहां मण्डी समिति द्वारा इस प्रकार बिना उपयोग किये हुये रेम्पों को कबाड़े में बेंचा जा रहा है वहीं हम्माल प्रतिनिधि गोपाल अहिरवार का कहना है कि आज तक किसी भी फड़ पर इन रेंम्पों का उपयोग नही किया गया है। इन इलेक्ट्रानिक कांटों पर बोरा चढ़ाने के लिये हम्मालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
पूरी कार्रवाई पर सवालिया निशान:
इस तरह रेंम्प के अलावा लगभग 9 अन्य सामग्री को बेचे जाने पर सवाल इसलिये खड़े हो रहे हैं कि पूरी प्रक्रिया ही संदेहास्पद लग रही है क्योंकि जहां संबंधित शाखा प्रभारी कह रहा है कि मण्डी में प्रस्ताव डाला गया है। वही दो सदस्य इससे अपने को अंजान बता रहे हैं। वहीं गलत जानकारी देकर भापाल से अनुपयोगी घोषित कराने में कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा गलत जानकारी दी गई है। इसलिये यहीं कहा जा सकता है कि अपने स्वार्थ के लिये इन लोगों द्वारा लगत रिपोर्ट दी गई है।
इनका कहना है:
मैं अभी छुट्टी पर आया हूं। यह कार्रवाई पहले के सचिव द्वारा कि गई है। इस लिये आने के बाद ही इस बारे में कुछ कह पाऊंगा।
डीके श्रीवास्तव, सचिव
कृषि उपज मण्डी समिति मुंगावली