रेलवे को लगाया चूना

Update: 2016-02-14 00:00 GMT

*प्रिन्टर में गड़बड़   कर बनाया टिकट
*बॉम्बे ट्रेवलिंग ऐजेंसी पर हुई कार्रवाई

ग्वालियर। रेलवे के टिकटों में हेराफेरी कर विभाग को चपत लगाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। एक ऐसा ही मामला फिर प्रकाश में आया है कि एक जीटीवीएस द्वारा एक यात्री को जो टिकट दिया गया उसमें गड़बड़ी मिली है। इसका खुलासा उस समय हुआ जबकि समता एक्सप्रेस में एक यात्री का टिकट टीसी ने चैक किया तो उन्हें उसमें कुछ गड़बड़ी दिखाइ दी। जिसकी शिकायत टीसी द्वारा चार दिन पूर्व स्थानीय प्रबंधन और जीआरपी से की गई। जानकारी के अनुसार चार दिन तक मामला दबा रहने के बाद शनिवार को जब मण्डल वाणिज्य निरीक्षक स्टेशन बजरिया में स्थित बॉम्बे ट्रेवलिंग ऐजेंसी पर पहुंचे तथा एजेंसीं के कम्प्यूटरों को खंगाला एवं जो टिकट मिले उन्हें जब्त कर लिया। इस एजेंसी ने रेलवे टिकट बनाने का काम ले रखा है। इसके बाद यहां शटर डाल कर कार्रवाई की गई और वहां कम्प्यूटरों की जांच की गई। इसके बाद जो खाली टिकट की रोल वहां पर मिली उसे जब्त कर लिया गया।  
दस रुपए के टिकट को बनाया 140 का
स्टेशन बजरिया में खुले रेलवे जीटीवीएस का काम बॉम्बे ट्रेवलिंग एजेंसी के मालिक अश्विनी जैन ने रेलवे से ले रखा है। वहां मनीष नाम का युवक काम करता है। यह लोग रेलवे को लम्बे समय से चूना लगाते आ रहे हैं। उन्होंने एक यात्री को दस रुपए के टिकट पर 140 रुपए अंकित कर थमा दिया। जब उस टिकट को टीसी ने देखा तो उसने फर्जी पाया। जिसकी शिकायत स्थानीय प्रबंधन, जीआरपी व आरपीएफ में की गई थी।
पहले भी पकड़े गए  हैं फर्जी टिकट
आरक्षण कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों द्वारा फर्जी टिकट बेचने का मामला पहले भी पकड़ा गया था। जिसमें उन कर्मचारियों को रेलवे ने चार्ज शीट पकड़ कर उनका स्थानांतरण कर दिया था। इस मामले में करीब रेलवे को पचास लाख रुपए का चूना इन कर्मचारियों द्वारा लगाया गया था।
ऐसे पकड़ा था मामला
सूत्र बताते हैं कि पहले जो मामला पकड़ा था उसमें कर्मचारियों ने एक टिकट पर ही ग्वालियर से दिल्ली और ग्वालियर से भोपाल का टिकट बना दिया था। जबकि उस टिकट पर ग्वालियर से दिल्ली व दिल्ली से आगे के स्टेशन का टिकट बनाया जा सकता है। एक स्थान से दो अलग-अलग स्थानों का टिकट नहीं बनाया जा सकता था।
''हां इस तरह का फर्जी टिकट मिला है उसकी जांच की जा रही है। जांच होने के बाद ही इस विषय में कुछ कहा जा सकेगा।
                                                                          दुर्गेश दुबे
                                                           वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक झांसी

इनका कहना है
''रेलवे के कुछ कर्मचारी आज आए थे एक शिकायती आवेदन दिया लेकिन बाद में बापस लेकर चले गए। इससे अधिक जानकारी मुझे नहीं है।
                                                    प्रकाश सेन, थाना प्रभारी,जीआरपी

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