दस के खिलाफ होगी विभागीय जांच, निगमायुक्त ने की सम्पत्तिकर वसूली की समीक्षा
ग्वालियर। नगर निगम सम्पत्तिकर वसूली के वित्तीय वर्ष में शेष बचे मार्च माह के पहले निगमायुक्त अनय द्विवेदी ने सोमवार को सभी कर संग्राहकों एवं वसूली प्रभारियों की बैठक लेकर साप्ताहिक वसूली की समीक्षा की और लक्ष्य के अनुरूप वसूली न होने पर संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।
बैठक में निगमायुक्त को अधिकारियों ने बताया कि अब तक लगभग 30 करोड़ रुपए सम्पत्तिकर की वसूली हो चुकी है। बैठक में लक्ष्य के अनुरूप वसूली न होने पर निगमायुक्त ने 24 सहायक सम्पत्तिकर अधिकारी एवं कर संग्राहकों को नोटिस थमाने के साथ ही 10 सहायक सम्पत्तिकर अधिकारी एवं कर संग्राहकों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने के निर्देश दिए। बैठक में लक्ष्य से अधिक और सम्पत्तिकर वसूली में अच्छा कार्य करने पर 15 सहायक सम्पत्तिकर अधिकारी एवं कर संग्राहकों की प्रशंसा करते निगमायुक्त ने उन्हें अप्रैल माह में नगरीय प्रशासन आयुक्त से प्रशस्ति पत्र दिलाने और उनकी सीआर में बेहतर कार्य की अनुशंसा करने की बात कही।
नारायण कृष्ण शेजवलकर प्रशासनिक भवन में आयोजित बैठक में निगमायुक्त ने सम्पत्तिकर वसूली में लगे सभी अमले को निर्देश देते हुए 75 करोड़ के लक्ष्य में 50 करोड़ की वसूली हर हाल में करने की हिदायत दी। निगमायुक्त ने आगामी माह में लक्ष्य वसूली में सभी अपर आयुक्तों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रात: 8 से 12 बजे तक सम्पत्तिकर वसूली का कार्य करने के साथ ही मुख्य समन्वयक अधिकारी व क्लस्टर अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी वं कर्मचारी अपने अपने क्षेत्र में सक्रिय रूप से सम्पत्तिकर वसूली की कार्रवाई करें।
व्यावसायिक सम्पत्तियों को जारी करें बिल
सोमवार को आयोजित सम्पत्तिकर वसूली की समीक्षा बैठक में निगमायुक्त ने सभी सहायक सम्पत्तिकर अधिकारियों से प्रमाण पत्र लेकर सभी व्यावसायकि सम्पत्तियों को बिल जारी करने की पुष्टि की। निगमायुक्त ने सभी अधिकारियों को आदेशित करते हुए कहा कि सम्पत्तिकर की शत प्रतिशत वसूली के लिए व्यावसायिक सम्पत्तिकर में वह छूट न दें। उन्होंने सम्पत्तिकर व जलकर की कम वसूली होने पर अधिकारियों को हड़काते हुए कहा कि अगर वसूली में लापरवाही पाई गई तो वह पुलिस कार्रवाई के लिए तैयार रहें। इस अवसर पर अपर आयुक्त संदीप माकिन, डॉ. एम.एल. दौलतानी, अभय राजनगांवकर सहित सभी अधिकारी व कर संग्राहक उपस्थित थे।