बीलारा में जल संकट, कोसों दूर से ला रहे हैं पीने का पानी

Update: 2016-03-26 00:00 GMT

 

जिला प्रशासन और ग्राम पंचायत नहीं दे रही ध्यान

शिवपुरी। जिला मुख्यालय से मात्र 14 किमी.की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत भावखेड़ी में इन दिनों पीने के पानी स्थिति बहुत ही दयनीय बनी हुई है। यहां कहने को तो ग्राम पंचायत भावखेड़ी का गांव बीलारा में आधा दर्जन से अधिक हेण्डपंपों के साथ- साथ नल जल योजना के माध्यम से पानी की टंकी होने के बाद भी लोग पीने के पानी को मौताज हैं। इतना नहीं पीने के पानी की व्यवस्था ग्रामीणों ने अपने खेतों पर लगे नलकूपों से ट्रालियों में टंकियां रखकर स्वयं के पीने के पानी व्यवस्था में सुबह से ही जुट जाते। जबकि ग्राम पंचायत के कर्ताधर्ता इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि यह ग्राम पंचायत जिलाधीश कार्यालय से मात्र 14 किमी. दूरी पर रोड़ किनारे स्थित हैं। फिर भी जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

पानी के अभाव में सूखी पड़ी टंकी भी हो सकती है खराब
ग्राम पंचायत भावखेड़ी के ग्राम बीलारा में इन दिनों पूर्व सरपंच रघुवीर यादव ने ग्राम की पेयजल व्यवस्था दुरूस्त कराने की दृष्टि से ग्राम में नल जल योजना के माध्यम से लोगों पेयजल उपलब्ध हो सके इसके लिए उन्होंने पानी की टंकी के निर्माण के साथ-साथ एक नलकूप भी खनन कराया था लेकिन इस समय नलकूप में 400 फिट गहराई पर पानी नहीं होने के कारण पानी की टंकी भी नहीं भर पा रही हैं। जबकि ग्राम पंचायत चाहे तो, पंचायत के टेंकरों के माध्यम इस पानी की टंकी में पानी भर ग्रामीणजनों को पानी उपलब्ध कराया जा सकता हैं। लेकिन पंचायत का इस भीषण समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं है।

आधा दर्जन हैण्डपंप खराब पीएचई विभाग नहीं दे रहा ध्यान
कहने को तो ग्राम बीलारा में आधा दर्जन से अधिक पानी के हेण्ड हैं, लेकिन कुछ हैण्डपपों में पानी होने के बाद भी वह खराब पड़े जिससे लोग पानी के लिए मौताज बने हुए हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि पानी के प्रति पीचई विभाग कितना जागरूक बना हुआ है। कहने तो पीएचई विभाग के कर्ताधर्ता कागजों की खाना पूर्ति करते हुए हेण्डपंपों को सूचारू रूप से संचालित बताये हुए हैं। जिससे अधिकारियों की नजर में ग्राम में कोई पानी की समस्या दिखाई ही नहीं देती है।

पानी के अभाव में ग्रामीणों ने अनियंत्रित भेजे जानवर
शासन पशु पालकों पशु अधिक रखने के लिए प्रेरित करती है। लेकिन इस समय जिन पशु पालकों के पास जानवर हैं वह अपने पशुओं को अनियंत्रित भेजने में लगे हुए हैं। क्योंकि इस समय ग्राम भीषण पेयजल संकट होने के कारण लोगों को पीने का पानी भी कोसों दूर से लाना पड़ रहा है। ऐसे में जानवरों को पानी कहां से पिलाया जाए इसके लिए पशु पालकों ने अपने पशुओं को अपने रिश्तेदारों के यहां भेज दिया है। जिनके पास पानी की परेशानी नहीं है।
जलस्रोतों में उगाई जा रही है फसल, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
ग्राम पंचायत भावखेड़ी के ग्राम बीलारा में रोड़ किनारे ही 84 बीघा का तालाब होने के बाद भी इस तालाब की ओर जिला प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। इसके परिणाम स्वरूप अतिक्रमण कारियों ने पानी निकाल कर उस तालाब पर खेती करके उसमें गेहंू की फसल उगा रखी है। जिसका परिणाम यह हुआ कि ग्राम के सभी नलकूपों का वाटर लेबल नीचे चला गया। जिससे आज लोग पीने के पानी को भी मोहताज हैं। यदि जिला प्रशासन इस तालाब पर बारीकी से ध्यान दे दिया होता तो शायद यह स्थिति नहीं बनती?

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