पश्चिमी विक्षोभ का असर, फिर घुमड़े बादल, हो सकती है बारिश

Update: 2016-03-27 00:00 GMT

अप्रैल में 42 डिग्री तक पहुंच सकता है पारा

ग्वालियर। पिछले दिनों दो बार हुई बारिश और ओलावृष्टि के बाद ग्वालियर के गगन में एक बार फिर बादल घुमडऩे लगे हैं। इससे अगले दो दिनों में गरज-चमक के साथ छुटपुट बारिश होने की संभावना जताई जा रही है।

शनिवार को सुबह से ही आसमान में छुटपुट बादल थे और शाम होते-होते पूरे आसमान में बादलों का कब्जा हो गया। भोपाल के मौसम विज्ञानी उमाशंकर चौकसे ने बताया कि जम्मू कश्मीर में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के असर से राजस्थान में ऊपरी हवाओं का एक चक्रवात बना हुआ है, जिसका प्रभाव अगले दो दिनों तक बना रहेगा। इस दौरान बादल छाए रहेंगे। इससे ग्वालियर व शिवपुरी जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश भी हो सकती है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार प्रकृति का संतुलन बिगड़ता जा रहा है, जिसके चलते मार्च में भी बादल घुमड़ रहे हैं और बारिश हो रही है। इसी माह पूर्व में दो बार हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था। यदि फिर से बारिश हुई तो शेष बची फसलें भी तबाह हो जाएंगी।

37.6 डिग्री पर अड़ा पारा
स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार गत शुक्रवार को अधिकतम पारा 40.3 डिग्री पर पहुंच गया था और शनिवार को बादल छाए रहने के बावजूद अधिकतम पारा 37.6 डिग्री पर अड़ा रहा, जो औसत से 3.7 डिग्री अधिक है, जबकि न्यूनतम पारा गतरोज की तुलना में 2.8 डिग्री बढ़कर 19.8 डिग्री पर पहुंच गया, जो औसत से 3.4 डिग्री अधिक है। इसी प्रकार सुबह हवा में नमी 47 और शाम को 39 फीसदी दर्ज की गई, जो सामान्य से क्रमश: 05 व 19 फीसदी अधिक है।

मौसम विज्ञानियों के अनुसार इस बार अपै्रल में ही अधिकतम पारा 42 डिग्री से ऊपर जा सकता है क्योंकि बारिश के दिनों में इस बार सामान्य से कम बारिश हुई थी और ठंड भी कम पड़ी थी। ऐसे में इस बार गर्मी अधिक पडऩे की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के अुनसार यदि मार्च में लगातार पश्चिमी विक्षोभ नहीं आते तो मार्च में ही अधिकतम पारा और अधिक उग्र रूप में नजर आता।

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