ननद-भाभी गई जेल, नहीं मिला रिमांड
ग्वालियर। समलैगिंक संबंध बनाने के लिए दबाव के आरोप का सामना करने वाली ननद-भाभी का रिमांड पुलिस को नहीं मिलने पर दोनों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस की पड़ताल अब धीमी पड़ गई है तथा लेखाधिकारी सविता राणे की आत्महत्या का हाईप्रोफाइल मामला ठंडा होता दिखाई दे रहा है।
स्कूल की लेखाधिकारी सविता राणे ने ननद-भाभी द्वारा समलैङ्क्षगक संबंध बनाने के दबाव से प्रताडि़त होकर होटल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतिका ने आत्महत्या से पूर्व लिखे पत्र में शुभा और उसकी भाभी सीमा श्रीवास्तव पर गंभीर आरोप लगाए थे। शुक्रवार को ननद-भाभी ने पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था। पुलिस ने उन्हें शनिवार को न्यायालय में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड मांगा। न्यायालय द्वारा रिमांड नहीं देने पर दोनों को जेल भेज दिया गया।
उल्लेखनीय है कि इस हाईप्रोफाइल मामले में पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई थी। सविता ने आत्महत्या करने से दो दिन पहले ननद-भाभी द्वारा प्रताडि़त करने संबंधी पत्र वॉट्सअप ग्रुप पर जारी किया था। पुलिस को भी वॉट्सअप ग्रुप पर भेजे गए सविता राणो के इस संदेश की जानकारी लग चुकी थी। पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर अगले दिन सविता एक होटल के कमरे में फांसी पर लटकी मिली थी। शुभा और सीमा ने सविता से किसी भी तरह के संबंधों से साफ इंकार कर दिया है जबकि सविता ने अपनी मौत का जिम्मदार ननद-भाभी को ही ठहराया था। फिलहाल पुलिस ने गंभीर प्रकरण की जांच को विराम दे दिया।
चिकित्सकीय जांच में मिले साक्ष्य
सीमा और शुभा श्रीवास्तव का पुलिस ने मेडीकल परीक्षण कराया है। सूत्र बताते हैं कि ननद-भाभी के समलंैगिक संबंध बनाने के लिए सविता राणे पर दबाव डालती होगी क्योंकि चिकित्सकीय जांच में ऐसे साक्ष्य मिले हैं।
पुलिस की नजर में सुसाइड नोट सबसे बड़ा प्रमाण
पुलिस ने सविता की मौत के बाद शुभा और सीमा पर धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया था। सविता ने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार ननद-भाभी को ठहराया था, जबकि पुलिस समलैंगिक सबंधं जैसे संगीन मामले को जांच में उलझा रही थी, पुलिस ने अब मान लिया है कि सविता द्वारा छोड़ा गया सुसाइड नोट ही सबसे बड़ा प्रमाण है और सविता के लगाए आरोप चिकित्सीय जांच में सिद्ध भी हो रहे हैं।
इनका कहना है
''शुभा और सीमा का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया है, जिसमें सविता का आरोप सही सिद्ध हो रहा है। रिमांड नहीं मिलने पर दोनो को जेल भेज दिया गया है।''
दिनेश कौशल
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक