उत्तराखंड: शक्ति परीक्षण की कार्यवाही शुरू
नई दिल्ली| उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य से दो घंटे के लिए राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया है। साथ ही विधानसभा के आसपास धारा144 लगाई है। उत्तराखंड विधानसभा एवं संसदीय मामलों के प्रधान सचिव की निगरानी में शक्ति परीक्षण होगा। शक्ति परीक्षण में कांग्रेस के 9 बाग़ी विधायक वोट नहीं डाल पाएंगे जिसके बाद बहुमत का आंकड़ा 32 होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के अपदस्थ मुख्यमंत्री हरीश रावत को बहुमत साबित करने का पहला मौका दिया है। फ्लोर टेस्ट की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। वोटिंग और मतदान की वीडियोग्राफी को सीलबंद लिफाफे में 11 मई को सुप्रीम कोर्ट को सौंपा जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 11 मई को होगी।
वहीं फ्लोर टेस्ट से पहले अपदस्थ मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भरोसा जताया है कि कांग्रेस बहुमत साबित करने में सफल रहेगी।
हरीश रावत ने कहा कि बहुमत हमारे साथ है, आम लोगों की भावनाएं हमारे साथ हैं। यहां तक की देवी-देवता भी हमारे साथ हैं। उन्होंने कहा, “केदारनाथ, गंगोत्री ,यमुनोत्री , बद्रीनाथ सब कांग्रेस के साथ हैं। भाजपा को जो भी दावे करने है वह कर सकती है लेकिन मैं साफ कर दूं कि सब एकजुट हैं। पीडीएफ, बीएसपी यूकेडी सबका सहयोग हमें प्राप्त है”। कांग्रेस नेता ने स्पष्ट किया कहा कि भाजपा का कुछ भी दावा हो लेकिन उन्हे विश्वास है कि उत्तराखंड की ही जीत होगी।
वहीं बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी के 2 विधायक कांग्रेस के पक्ष में ही मतदान करेंगे। भाजपा के साथ किसी प्रकार की सांठगांठ से इंकार करते हुए मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी की भाजपा के साथ कोई सौदा नहीं हुआ है, इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। हमारा समर्थन कांग्रेस के साथ है।
ऊधर कांग्रेस विधायक रेखा आर्य विधानसभा पहुंचते ही भाजपा के खेमे के साथ दिखीं।