भारत-ईरान में चाबहार समझौता, 11 और अहम करार
नई दिल्ली। भारत और ईरान ने सोमवार को ईरान के चाबहार बंदरगाह को विकसित करने के लिए ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर कर लिए। इसके साथ ही दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सम्बन्धों को सुदृढ़ बनाने के लिए 11 और समझौतों पर हस्ताक्षर कियेI यह समझौते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के बीच वार्ता के पश्चात ईरान की राजधानी तेहरान में किये गएI इन सभी समझौतों पर हस्ताक्षर दोनों नेताओं की उपस्तिथि में किये गएI
भारत और ईरान ने सोमवार को आतंकवाद से लड़ने के लिए प्रतिबध्दता व्यक्त कीI प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने कट्टरपंथ और क्षेत्रीय आतंकवाद के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए बारीकी से परामर्श करने के लिए सहमति जताईI उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय चुनौतियों और आपसी हित के वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान कियाI प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों नेताओं की बातचीत के परिणाम और समझौतों पर हस्ताक्षर भारत-ईरान सामरिक साझेदारी में एक नया अध्याय हैI दोनों नेताओं ने यह भी तय किया कि दोनों देशों की भाषाएं (हिंदी और पर्शियन) उनके विश्वविद्यालयों में सिखाई जाएगीI
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को अपनी दो दिवसीय ईरान यात्रा पर तेहरान पहुंचे जहां उनका पारम्परिक स्वागत किया गयाI 'गार्ड ऑफ़ ऑनर' निरीक्षण के पश्चात प्रधानमंत्री मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के बीच द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर वार्ता हुईI वार्ता के पश्चात प्रधानमंत्री मोदी ने प्रसिद्द उर्दू शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की दो पंक्तियों के द्वारा अपना वक्तव्य समाप्त कियाI उन्होंने कहा कि ''जनूनत गरबे नफ्से-खुद तमाम अस्त, ज़े-काशी पा-बे काशान नीम गाम अस्त.'' अर्थात ''यदि हम अपना मन बना लें, तो काशी और काशान के बीच फासला केवल एक क़दम का हैI''
चाबहार बंदरगाह समझौते को प्रधानमंत्री मोदी ने एक ''माइलस्टोन'' (मील का पत्थर) बताते हुए कहा कि भारत की ओर से 500 मिलियन डॉलर की सहायता से यह बंदरगाह विकसित किया जायेगाI इस समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत, ईरान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच नए रास्ते खोलेगाI ईरान के राष्ट्रपति ने चाबहार बंदरगाह को विभिन्न देशों, विशेषकर भारत और अफ़ग़ानिस्तान और पूर्वी यूरोप के बीच एक ''संपर्क बिंदु'' बताया और कहा कि चाबहार समझौते के पश्चात भारत और ईरान के बीच आपसी सहयोग काफी बढ़ सकता हैI उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक सम्बन्ध पहले से कहीं अधिक मज़बूत हो सकते हैंI हसन रूहानी ने कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद के विरुद्द ख़ुफ़िया रिपोर्ट साझा करने और आतंकवाद के विरुद्द आपसी सहयोग पर सहमति जताईI
अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और ईरान नए मित्र देश नहीं हैं बल्कि इनकी मित्रता सदियों पुरानी हैI दोनों देश एक दूसरे के विकास में भागीदार रहे हैंI उन्होंने गुजरात भूकम्प के समय ईरान की सहायता के लिए धन्यवाद दियाI आज की वार्ता में दोनों नेताओं ने भारत-ईरान के द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तारपूर्वक चर्चा कीI प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति रूहानी को भारत आने का निमंत्रण दिया और कहा कि वह उनके भारत आने की राह देख रहे हैंI