जंगलों में आग लगने से ग्लेशियरों के पिघलने का खतरा बढ़ा
नई दिल्ली। उत्तराखंड के बाद अब जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के जंगलों में भीषण आग के फैलने से ग्लेशियरों के पिघलने का खतरा बढ़ गया है। इससे तापमान में फेर बदल होने की संभावनाएं उत्पन्न हो गई हैं।
विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि अब आग के कारण उत्तराखंड के ग्लेशियर पिघल सकते हैं। ग्लेशियर पिघले तो उत्तराखंड में बहने वाली नदियों में पानी अचानक बढ़ जाएगा और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जंगल की आग से उत्तर भारत में पारा 0.2 डिग्री पारा बढ़ा है। साथ ही इन इलाके में वायु प्रदूषण भी काफी बढ़ गया है। तापमान में बढ़ोत्तरी का असर इस बार के मानसून पर भी पड़ सकता है।
हालांकि भारतीय वायुसेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) एवं स्थानीय प्रशासन आग को बुझाने और राहत कार्य में जुटे हुए हैं। सरकार एवं स्थानिय प्रशासन के अनुसार आग बुझाने में कामयाबी मिली है और हालात अब नियंत्रण में हैं।
जानकारी हो कि उत्तराखंड के 13 जिलों के बाद अब जम्मू-कश्मीर के राजौरी, हिमाचल प्रदेश के नाहन एवं शिमला और चंडीगढ़-शिमला हाईवे पर कुम्हारहट्टी के जंगलों मेंमें आग का कहर टूट पड़ा है। यहां के भी जंगल आग के लपटों में घिर गए हैं। जिसके चलते जंगलों को भारी नुकसान पहुंचा है। आग से अब तक सात लोगों की मौत और करीब ढाई हजार हेक्टेयर जंगल तबाह हो चुका है।