दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर, 32 ट्रेनें रद्द
नई दिल्ली। दिल्ली में लगातार हो रही बारिश से यमुना का पानी खतरे के निशान को पार कर गया। इस वजह से यमुना नदी के किनारे दिल्ली में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। ऐसे में दिल्ली के पुराने लोहे के पुल से ट्रेनों की आवाजाही को बंद कर दिया गया है। 32 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और 100 ट्रेनों के रूट बदल दिए गए हैं।
प्रशासन की ओर से आस-पास का इलाका खाली करा दिया गया है। दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने रविवार को कहा है कि यमुना के इलाके में 10 बोट गश्त कर रही है, हमने घोषणा करवा दी है और बचाव की तैयारी पूरी है। यमुना में जल प्रवाह का स्तर 204.90 के निशान पर है। अगले 5 घंटे में जलस्तर कम होने कि उम्मीद है। कल बुराड़ी में 25 लोग फंसे थे, जिन्हें सुरक्षित निकाल दिया गया है। उनके भोजन और ठहरने का इंतजाम किया गया है। पूर्वी दिल्ली में एक परिवार था, उनके पास एक भैंस भी थी। परिवार को बाढ़ वाले इलाके से सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया है।
मंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन और कंट्रोल रूम लगातार काम कर रहा है। घबराने की जरूरत नहीं क्योंकि जलस्तर कम होगा। आने वाले दिनों में अगर जलस्तर बढ़ता है तो खाने, दवाई और कैंप की तैयारी है। सभी जगह निगरानी कि जा रही हैं।
दरअसल शुक्रवार को पर्वतीय इलाकों में भारी बरसात हुई। जिससे पानी हथनी कुंड पर पहुंचने लगा, सुबह पांच बजे जलस्तर बढ़कर 46075 क्यूसिक पर पहुंच गया। इसके बाद लगातार जलस्तर बढ़ता चला गया और सुबह नौ बजे तक हथनीकुंड पर एक लाख तीन हजार क्यूसिक पानी पहुंच गया। खतरे को देखते हुए सिंचाई विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया और ईजेसी डब्ल्यूजेसी नहरों को बंद कराकर पानी यमुना नदी में छोड़ दिया। जिससे यमुना नदी उफन गई।
सुबह नौ बजे हथनी कुंड से एक लाख तीन हजार क्यूसिक पानी यमुना नहर में छोड़ा गया। हालांकि अगले कुछ घंटे में जल का स्तर घटना शुरू हो जायेगा। दोपहर को जल का स्तर 50 हजार क्यूसिक पर पहुंचा, तो सिंचाई विभाग ने राहत की सांस ली। कल शाम सात बजे हथनी कुंड पर 54660 क्यूसिक पानी था। इसमें से यमुना नदी में 34656 क्यूसिक छोड़ा जा रहा था। जल स्तर कम होने के बाद नहरों में भी पानी चलता कर दिया गया।