धर्म के नाम पर वोट मांगना गैरकानूनी:सुप्रीम कोर्ट

Update: 2017-01-02 00:00 GMT


नई दिल्ली|
सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने जाति व धर्म के नाम वोट मांगने को गैरकानूनी बताया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने समुदाय और भाषा के नाम पर भी वोट मांगने को अवैध करार दिया है।

चुनाव में धर्म के इस्तेमाल और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 (3) के इस्तेमाल पर दिशानिर्देश तय करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जाति व धर्म के नाम वोट मांगना गलत है। दरअसल इस धारा के तहत चुनावी फायदे के लिए धर्म, जाति, समुदाय, भाषा आदि के इस्तेमाल को 'भ्रष्ट आचरण' बताया गया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि मनुष्य और भगवान के बीच का संबंध व्यक्तिगत मामला है। राज्य को ये नहीं भूलना चाहिए कि वो ऐसे संबंधों में शामिल नहीं हो सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि चुनाव एक धर्म निरपेक्ष पद्धति है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बहुमत के आधार पर व्यवस्था दी कि चुनाव कानून में 'उनका' शब्द का अर्थ व्यापक है और यह उम्मीदवारों, मतदाताओं, एजेंटों आदि के धर्म के संदर्भ में है। बहुमत का विचार हालांकि यह था कि चुनाव कानून में 'उनका' शब्द केवल उम्मीदवार के संदर्भ में है।

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