भोपाल। भाजपा सांसद प्रहलाद पटेल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर व्यापमं फजीर्वाड़े के माध्यम से फिर बड़ा हमला बोला है। श्री पटेल ने व्यवस्था परिवर्तन के माध्यम से सत्ता परिवर्तन को लेकर शुक्रवार सुबह पांच ट्वीट कर राजनैतिक हल्कों सियासत तेज करवा दी है।
प्रहलाद पटेल ने अपने पहले ट्वीट में व्यापमं में हुए फजीर्वाड़े पर चिंता व्यक्त करते हुए लिखा है कि हम अपनी भविष्य की पीढ़ी को लुटने से न बचा सकें। ऐसा विफल प्रशासनिक ढांचा राजनैतिक दृष्टि से कैसे ओझल हो गया ? यह आत्मावलोकन जरूरी है। अपने दूसरे ट्वीट में सरकार द्वारा व्यापमं भ्रष्टाचार के जिम्मेदार अधिकारियों और राजनैतिज्ञों पर कार्रवाई नहीं होने पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए प्रहलाद पटेल ने ट्वीट किया कि व्यापमं में जिनने रिश्वत दी उनको सजा मिली, पर जिनने रिश्वत ली, रिश्वत देने प्रेरित किया, उनको कब सजा मिलेगी, उसका इंतजार है। तब न्याय पूरा होगा। प्रहलाद पटेल जिन्होंने व्यापमं फजीवाड़े को लेकर पिछले दिनों शिवराज सरकार पर हमला बोला था, ने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा है कि मुझसे व्यापमं पर ट्वीट करने का आशय पूछा गया। सत्ता परिवर्तन की नियत सेसूचने पर ढेर आशय निकलेंगे, व्यवस्था परिवर्तन के लिए मेरा आशय साफ है।
अपने चौथे ट्वीट में प्रहलाद पटेल ने कहा है कि जिन योग्य प्रतिभागियों का हक मारा गया, उन्हें क्या मिलेगा, जिनने जीवन के छह वर्ष डॉक्टरी सीखी वह शून्य। पिता, पुत्र और उसकी पीढ़ी प्रभावित होगी। अपने पांचवे और आखिरी ट्वीट में प्रहलाद पटेल ने व्यापमं फर्जीवाड़े के जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं होने पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि मेरी राय में जिन्होंने रिश्वत दी वह दंडित हुए इस पर दुख नहीं है। पर 5,6 वर्ष डॉक्टरी सीखने वाली हुनरमंद पीढ़ी बर्बाद हो गई खुश नहीं हो सका।
हालांकि यह पहली दफा नहीं है जब प्रहलाद पटेल ने शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मुखर रूप दिखाया हो। इससे पहले हुई संघ और भाजपा की समन्वय बैठक में प्रहलाद पटेल ने सीधे तौर पर प्रदेश में अफसरशाही हावी होने का आरोप लगाया था। प्रहलाद पटेल, अनूप मिश्रा और कैलाश विजयवर्गीय ने सरकार पर सीधा हमला बोला था।
प्रहलाद पटेल को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का करीबी माना जाता है। जब उमा भारती भाजपा छोड़कर चली गई थीं। उस समय प्रहलाद पटेल भी उनके साथ चले गए थे। उस समय उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर डंपर घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने खुद लोकायुक्त में इसकी शिकायत भी की थी। हालांकि कोर्ट में यह आरोप साबित नहीं हो पाए थे। लेकिन प्रहलाद पटेल ने शिवराज की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। एक बार फिर उन्होंने व्यापमं मुद्दे को छेड़कर इस बात के संकेत दिए हैं कि वह आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री के खिलाफ और हमले कर सकते हैं।