दुकानें खोलकर हो रहा दवाओं का कारोबार दस रुपये की दवा में हो जाता है सारा इलाज
झांसी। शहर में मेडिकल कालेज व जिला अस्पताल सरकार द्वारा जनता के लिए नि:शुल्क उपचार के लिए बनाया गया है। लेकिन इन दिनों शहर में कई झोलाछाप डॉक्टरों ने अपनी दुकानें खोल रखी हैं।
यही नहीं कुछ दवाओं की दुकानें शहर से देहात क्षेत्र तक खुल गई हैं और दुकानों पर दवा देने वाले खुद डाक्टर वाले जनता को दवा देने का काम कर रहे हैं। इन दुकानों पर एंटीबायटिक दवाएं दी जा रही हैं। हालांकि इससे दर्द की मात्रा दूर हो जाती है लेकिन यह शरीर के लिए नुकसानदायक होती हैं। इस मामले में मेडिकल व जिला अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि बिना डाक्टर के दवा का सेवन करना मनुष्य के शरीर के लिए घातक होता है। लेकिन दुकानों पर मिल रहीं सस्ती दवाएं संदेह के घेरे में आ रही हैं। हालांकि दिल्ली जैसे शहर में नकली दवाओं के कई मामले पकड़े जा रहे हैं, जबकि झांसी महानगर में दवा बनाने की कोई फैक्ट्री नहीं है।
लेकिन जगह-जगह खुली दवाओं की दुकानों पर मात्र 10 रुपये में मरीज के पूरे इलाज की दवाएं मिल रही हैं। अगर इन दवाओं का घातक परिणाम होता है तो इसकी जिम्मेदारी दुकानदार नहीं लेगा। लेकिन देखा गया है कि कुछ पढ़े-लिखे भी इन दुकानों पर जाकर मात्र दस रुपये में दवा लेकर उन दवाओं का सेवन कर शरीर का दुख दूर करने का प्रयास करते हैं। देखा गया है कि इन दवाओं का रियेक्शन हृदय पर होता है और उससे हृदय के गति की क्षमता बढ़ जाती है। इन दवाओं का अधिक सेवन करने से शरीर के कई अंग कमजोर स्थिति में हो जाते हैं। जबकि औषधीय एवं खाद प्रशासन द्वारा इस तरह की दवाओं का कारोबार करने वालों पर कड़ी कार्यवाही करना चाहिए, जिससे आमजनमानस की जान बच सके। ऐसी कई दवा की दुकानें हैं जो गली-मोहल्लों में खुल गई हैं। इनके परमिटों की सख्ती से जांच की जाए, जिससे साफ हो जाएगा कि दवा का कारोबार करने वाले आखिरकार लाइसेंस के अधिकारी हैं कि नहीं?