देवी देवताओं के मंदिर में होने वाली आरती में यदि शामिल हो तो भी देवी देवता प्रसन्न होकर मनोकामना को पूरी अवश्य ही करते है। शास्त्रोक्त मान्यता है कि आरती के समय देवी देवता साक्षात उपस्थित रहकर मौजूद श्रद्धालुओं को एहसास दिलाते है। इसलिये यदि आप किसी मंदिर में जा रहे है तथा वहां आरती का समय हो तो, आरती में शामिल जरूर होवे।
अमुमन होता यह है कि लोग मंदिरों में जाते तो जरूर है लेकिन वहां आरती का समय होने के बाद भी शामिल होने से गुरेज करते है या फिर आरती के बीच में से ही चले जाते है। शास्त्रोक्त रूप से ऐसा नहीं करना चाहिये क्योंकि ऐसा करने से देवी देवताओं का अपमान माना जाता है। इसलिये जहां तक बन सके, आरती को न तो बीच में ही छोड़कर आये और न ही आरती में शामिल होने से गुरेज करें।
कई श्रद्धालु तो ऐसे भी है जो नियमित रूप से किसी न किसी मंदिर में आरती के दौरान शामिल होते है। आरती में शामिल होने के बाद पूरी आस्था व विश्वास के साथ आरती ग्रहण करें और मनोकामना पूरी होने या कृपा प्राप्ति के लिये प्रार्थना की जाये तो ईश्वर आपकी जरूर सुनेगा।