नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के एग्जिट पोल के सामने आने के बाद बीजेपी सबसे बडी पार्टी बनती नजर आ रही है। ऐसे में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पूर्ण बहुमत ना मिलता दिख रहा है ऐसी सूरत में बहुजन समाज पार्टी के हाथ मिलाने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया है। यूपी सीएम अखिलेश यादव ने बडा बयान देते हुए कहा कि जरूरत पडने पर बीएसपी से साथ हाथ मिलाया जा सकता है।
अखिलेश ने एक साक्षात्कार में कहा है कि गठबंधन के लिए मैं अभी इसलिए नहीं कह सकता हूं कि हम खुद सरकार बनाने जा रहे है। उन्होंने कहा है कि हमने हमेशा मायावती को एक रिश्ते के तौर पर संबोधित किया है तो लोगों को लग सकता है कि कहीं हम बीएसपी से गठबंधन न कर लें। उन्होंने साथ ही कहा कि ये बात कहना अभी कहना मुश्किल है लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि हमारा बहुमत आने वाला है और हम सरकार बनाने वाले हैं। हां अगर सरकार के लिए ज़रूरत पड़ेगी तो देखिए, कोई नहीं चाहेगा कि राष्ट्रपति शासन हो बीजेपी रिमोट कंट्रोल से उत्तर प्रदेश को चलाएं। इससे बेहतर होगा कि एसपी और बीएसपी साथ मिलकर सरकार बनाएं। यूपी सीएम अखिलेश ने कहा कि 11 मार्च का चुनावी नतीजा उनके पक्ष में आएगा।
चुनाव से पहले ही पारिवारिक कलह के चलते पिता मुलायम सिंह यादव के नाराज होने के सवाल पर अखिलेश ने कहा, नेताजी का जहां मन किया वहां प्रचार करने गए। हमने उनसे कुछ नहीं कहा। साधना गुप्ता के प्रतीक यादव को राजनीति में लाने पर अखिलेश का कहना था कि जो राजनीति में आना चाहेगा उसे कौन रोकेगा। राजनीति में सभी को आना चाहिए।
अखिलेश ने कांग्रेस से गंठबंधन पर कहा कि राहुल गांधी और वो एक जैसी सोच वाले है, राहुल भी चाहते हैं कि प्रदेश का विकास हो। मैं राहुल गांधी को पहले से ही जानता हूं। हमने एक संदेश दिया कि जो धर्मनिरपेक्ष सरकार चाहते हैं जो विकास के लिए सरकार चाहते हैं इसलिए कांग्रेस का साथ दिया। मैं कंजूस के साथ दोस्ती नहीं करता। अखिलेश ने स्वीकार किया कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को साथ लाने में राहुल और प्रियंका दोनों की भूमिका रही है।