योगी के निर्देश का पालन करना आसान नहीं

Update: 2017-03-30 00:00 GMT

 पहले ही रखी जा चुकी है नकल की नींव

आगरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नकल रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन नकल रोकना किसी के लिए आसान नहीं होगा। क्योंकि शिक्षा विभाग पहले ही नकल की नींव रख चुका है। माफिया के कॉलेजों को केंद्र बनाने में नियम ही तोड़ दिए गए। इन गड़बडिय़ों की शिकायत अब शासन से हुई है।


बोर्ड परीक्षा में नकल पर लगाम नहीं लग पा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण केंद्र निर्धारण में गड़बड़ी है। सहायता प्राप्त कॉलेजों को छोडक़र वित्तविहीन कॉलेजों को केंद्र बना दिया गया है, जिन सहायता प्राप्त कॉलेजों को केंद्र बनाया भी गया है तो वहां पर छात्र संख्या बहुत ही कम है। पिछले दिनों सचल दल प्रभारी जीआइसी प्रधानाचार्य अरुण कुमार सिंह ने केंद्र निर्धारण में गड़बड़ी की शिकायत शासन से की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि परीक्षा प्रभारी द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद के नियमों को दरकिनार करते हुए 30 से 35 किमी दूर केंद्र बना दिए हैं। इतना ही नहीं बहुत से केंद्र ऐसे हैं, जिनके छात्र एक-दूसरे के ही कॉलेज में भेज दए गए हैं। इतना ही नहीं मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक भी सहायता प्राप्त कॉलेजों में कम छात्र आवंटित करने की गड़बड़ी पकड़ चुके हैं।
चिपक कर दे रहे परीक्षा

अमन पब्लिक उ.मा विद्यालय वायु विहार में 650 परीक्षार्थी आवंटित किए गए हैं। मगर, इस केंद्र की स्थिति बेहद खराब है। यहां पर प्राइमरी के बच्चों के बैठने वाली छोटी-छोटी बैंच थीं। इन बैंच पर एक-दूसरे से सट कर परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे थे। लिखने वाली टेबिल इतनी नीची थी कि कॉपी हाथ में लेकर लिखनी पड़ रही थी। इसके बाद भी इस कॉलेज को केंद्र बना दिया गया।

वित्तविहीन में भरमार
इंटर भौतिक विज्ञान की परीक्षा में कागारौल स्थित रफी अहमद किदवई इंटर कॉलेज में मात्र 84 परीक्षार्थी थे, जबकि इसके पांच किमी परिधि वाले वित्तविहीन कॉलेज केएस उ.मा. विद्यालय में 159, नवल सिंह उ.मा विद्यालय में 400 परीक्षार्थी थे। ऐसे ही सदर तहसील के सहायता प्राप्त कॉलेज रत्नमुनि जैन इंटर कॉलेज, राजकीय इंटर कॉलेज में भी 150 से कम छात्रों को आवंटित किया गया है।

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