-रिपोर्ट मिलने के बाद की कार्रवाई प्रारम्भ
-ठेकेदार की भी संलिप्तता के मिले सुबूत
आगरा। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में सरकारी माल को चोरी छिपे ठिकाने लगाने का आरोपी स्टोर कीपर विभागीय जांच में भी दोषी पाया गया है। जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद दोषी स्टोर कीपर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। हालांकि जांच में ठेकेदार की संलिप्तता के सुबूत नहीं मिले हैं।
डीवीवीएनएल के फतेहाबाद रोड स्थित स्टोर से लाखों का माल चोरी छिपे बिना गेट पास के पार कर दिया गया था। माल से भरा ट्रक किसानों ने मियांपुर स्थित एक प्राइवेट ठेकेदार के गोदाम के सामने से पकड़ा था। संभावना व्यक्त की गई कि स्टोर कीपर व स्टोर से जुड़े अफसर लाखों-करोड़ों का बिजली का सरकारी माल इसी तरह चोरी छिपे ठेकेदारों को बेचते हैं। मामला सामने आने के बाद डीवीवीएनएल के अधीक्षण अभियंता शेष कुमार बघेल ने मौके पर पहुंचकर जहां माल वापस स्टोर में भेज दिया था, वहीं स्टोर के दस्तावेज भी कब्जे में ले लिए थे। साथ ही जिस गोदाम के सामने माल पकड़ा था, उस गोदाम को भी सील कर दिया था। घटना के तीसरे दिन डीवीवीएनएल के एमडी एसवीएस राठौर ने स्टोर कीपर हेमराज को निलंबित कर दिया था और विभागीय जांच के आदेश दिए थे। अधीक्षण अभियंता स्टोर एके वर्मा ने बताया कि इस प्रकरण की जांच पूरी हो चुकी है। उन्होंने जांच रिपोर्ट का पूरा अध्ययन अभी नहीं किया है, लेकिन मामले में प्रथमदृष्टया आरोपी निलंबित स्टोर कीपर हेमराज को दोषी पाया गया है। उसने बिना गेट पास के बिना किसी आवश्यकता के बिजली का माल स्टोर से बाहर कराया। उन्होंने बताया कि जांच में उस ठेकेदार की कोई संलिप्तता नहीं मिल सकी, जिसके गोदाम के सामने से माल पकड़ा गया था। ठेकेदार के गोदाम में रखे सामान की जांच कराई गई तो स्टॉक रजिस्टर ठीक मिला। अधीक्षण अभियंता स्टोर ने बताया कि दोषी स्टोर कीपर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई आगे बढ़ा दी गई है।
लंबे समय से स्टोर में था तैनात
सरकारी माल को खुर्दबुर्द करने का दोषी पाया गया स्टोर कीपर हेमराज लंबे समय से फतेहाबाद रोड स्थित डीवीवीएनएल के स्टोर में तैनात था। एक दो बार हेमराज को हटाया भी गया, लेकिन जोड़-जुगाड़ करके वह वापस वहीं पहुंच गया। जिस तरह का घटनाक्रम सामने आया था, उसके बाद स्टोर से जुड़े तमाम कर्मचारी संदेह के घेरे में थे। माना जा रहा है कि जांच रिपोर्ट में कई और नाम भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे।
रिपोर्ट न कराने पर अफसर संदेह के घेरे में
करोड़ों के घोटाले में भले ही डीवीवीएनएल अधिकारियों ने स्टोर कीपर पर गाज गिराने की तैयारी कर ली है, लेकिन असली खिलाड़ी अब तक सामने नहीं आ सके हैं। जिस तरह से एफआइआर दर्ज नहीं कराई गई उससे साफ संकेत हैं कि अफसरों की मंशा स्टोर कीपर पर गाज गिराकर अपनी गर्दन बचाना था।