भक्तामर के मंत्रों से होगा बीमारियों का उपचार

Update: 2017-03-31 00:00 GMT

शहर में पहली बार एक अप्रैल को होगा ऐसा आयोजन
ग्वालियर|
जैन धर्म के पवित्र पावन काव्य श्री भक्तामर के श्लोकों के मंत्र के जाप से साधारण तो क्या असाध्य रोगों का भी उपचार किया जा रहा है। इस विधि को लेकर ग्वालियर जैन समाज एवं भक्तामर महिमा प्रभावना द्वारा कम्पू स्थित महावीर भवन में एक अप्रैल को दोपहर एक से चार बजे तक एक सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में नागपुर की औषधिविहिन डॉ. मंजू जैन, डॉ. अनीता अगरकर एवं अनीश जैन संबोधित करेंगे और प्रयोग करके भी दिखाएंगे।  उक्त जानकारी पत्रकार वार्ता में समीक्षा जैन एवं  श्रद्धा जैन ने संयुक्त रूप से दी।

श्रद्धा जैन ने बताया कि जैन धर्म के पवित्र काव्य श्री भक्तामर के श्लोकों के मंत्र के जाप से साधारण तो क्या असाध्य रोगों का भी उपचार किया जाता है। श्रद्धा जैन ने बताया कि इस प्रकार का सेमीनार शहर में पहली बार हो रहा है। श्रद्धा जैन ने बताया कि जैन धर्म के अनुसार आचार्य मांगतुग महाराज को एक राजा ने बन्दी बना लिया था, तब आचार्य मांगतुग महाराज ने भक्तमार स्त्रोत की रचना की और 48 काव्यों का सृजन किया।

जैसे-जैसे एक-एक काव्य की रचना होती गई वैसे-वैसे 48 तालें स्वयं ही खुलते चले गए। श्रद्धा जैन ने बताया कि ऐसे पावन काव्य के एक-एक मंत्र में अनंत शक्तियां हैं जिनके स्मरण एवं भाव सहित उच्चारण से कई व्याधियों से छुटकारा मिलता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस सेमीनार के लिए 600 से अधिक रजिस्ट्रेशन किए जा चुके हैं। पत्रकार वार्ता में रश्मि जैन और ग्वालियर जैन समाज के प्रवक्ता ललित जैन उपस्थित थे।

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